आल्ह - खण्ड | Aalha Khand
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37.81 MB
कुल पष्ठ :
648
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दल रकससकतदफनकाकत इसे के कक यु यो चुरा
चौड़ा ( चामुरुड )
चौंडा ब्राह्मण का नाम चामुर्ड था । यदद द्रोणाचाय का अवतार कहा
जाता है । यह बड़ा वीर आर एथ्वीराज के तमाम लश्कर का सिपहसालार
था | इसको किसी भी अख से न मरने का भगवरी का वरदान था । इसी
कारण आला न इसे मींज-मसलकर मारा था | एकदन्ता नाम का प्रसिद्ध
हाथी इसकी सवारी में रहता था |
अ ७ केस, चक शी
राजा परिमाल झार एथ्वीराज में मनोमालिन्य
'पृध्वीराजरासों” के अनुसार पृथ्वीराज और राजा परिमाल में अनवन
होने का कारण एक श्रौर भी था | एक बार किसी युद्ध से लौटते समय
पृथ्वीराज के कुछ घायल थिपाही राह भूलकर मददोवे था निकले और
परिमाल के वगीचे में डेरा जमाना चाहा । माली के अपत्ति करने पर
उन्होंने उसे मार डाला । राजा परिमाल ने यह समाचार सुन ऊदन को
उन्हें वाँघ लाने की शाज्ञा दी । ऊदन ने घायनों से युद्ध करना श्वनुधित
समफककर श्ापत्ति की | इस पर अभिष्ट-चेता माहिल ने कहा कि ऊदन
युद्ध से भयमीत हैं । परिंमाल ने उमकी बातों में श्राकर ऊदन को फिर
ललकारा । परिणामस्वरूप ऊदन ने उन सबको युद्ध में मार ढाला
यह कारण इन दो राज्यों में वैर का बीज बन गया |
शुरता की मयांदा
उस समय १०० मनुष्यों पर हावी होक़र उन्दें. परास्त करनेवाला योधा
कहलाता या | ऐसे ही १०० योधाशओं पर विजयी होनेवाला शूर, १०० शूरों
का हनन करनेवाला सामंत, १०० सामन्तों पर धवल श्रौर १०० धघवनों पर
गर्जने और सफल होनवाले को सबल कहते थे । योधा में पाँच, शूर में दस,
सामंत में बीस, पवल में चालीस ौर सबल में झस्सी ब1थियों का. बल
होता ' था | महाराज ऐ्रथ्वीराज में सबल के सभी गुण मौजूद थे | आल्ह्ा
भी सबलों की कोटि में थे । महावीर मलिखान, ऊदन, लाखन, ब्रह्मा, देवा
धाँधू, चौड़ा यह सब धघवलों की कोटि में थे |
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दे इस प्रकार इस वीर पूँवारे में छाये हुए व्यक्तियों का यत्क्तिश्चित् इतिहास
है. है। ये सब एक-स-एक पराक्रमी थे | इनकी हुक्कार से घर काँपती थी ।
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इनके वीस्त्व की श्राघुनिक संसार में कीं छुया भी नदीं मिलती | परन्तु
हमारे देश के दुर्भाग्य से ये रखकेसरी परस्पर ही लड़कर विलीन हो
मुये । भारत गुलाम हो. गया | केवल उनकी बीरगाथा रह गई दे; उसे
गा-गाकर दस अपने पुराने जमाने का यान करते हैं । संभव है कि एक
(दिन फिर वही समय हैमारे अ गे आ जाने |
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User Reviews
Anuj
at 2019-09-02 09:38:09"Amazing Book"