वर्षा और वनस्पति | Varshaa Aur Vanaspati
श्रेणी : कृषि, तकनीक व कंप्यूटर / Computer - Technology

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.53 MB
कुल पष्ठ :
108
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शंकर राव जोशी - Shankar Rav Joshi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भारतकी स्वाभाधिक श्रावश्यकताएँ १३
क्योकि इन देशोमें मनुष्य को प्रौढ़त्व जल्दी प्राप्त
हो जाता है श्ौर बुढ़ापा भी जलदी झा घेरता है ।
उष्ण देशौकी लड़कियां दस बारह वषंकी अब-
स्थामें ही प्रौढत्वको प्राप्त हो जाती हैं. शरीर
बाल्याचस्थामें शादी करनेकी चाल होने से
सन्तति भी कमजोर हो जाती है । शोत प्रधान
देशों में स्त्रियां २० वघंकी श्रवस्थामे श्रौर पुरुष २२
वष॑की श्रवस्थामें प्रोढ़ताको प्राप्त होते हैं । उत्तर
भारतमें ठंड श्रधिक पड़ती है । इसलिप वहां
लड़कियां १५-१६ चषंकी झवस्था तक प्रोढत्वको
प्राप्त नहीं होतीं । परन्तु मद्रासका हाल बिलकुल
जुदा है । वहाँ गरमी अधिक पड़ती है, इसलिए
लड़कियाँ छोरी अवस्थामे ही प्रोडत्वकों प्राप्त हो
जाती हैं । मानसिक बाढ़का भी यही हाल है ।
अफ्रीका खराडरें से घिषुव बृत्त गुजरता है, इस-
लिए चहाँ गरमी अधिक पड़ती है। शोर यही
कारण है कि वहाँके लोग बौने, काले श्रौर कुरूप
हैं। मिश्रके सिवा श्म्यत्र सभ्यताके चिन्ह नजर
नहीं श्राते । लोगीकी मानसिक शक्तिका भी उतना
विकास नहीं हुआ है। परन्तु फ्रांस, इडलेंड,
जमेनी, अमेरिका श्रादि देशोकी स्थिति बिलकुल
निराली है । वहाँके लोग बलवान ऊंचे और
User Reviews
No Reviews | Add Yours...