वर्षा और वनस्पति | Varshaa Aur Vanaspati

Varshaa Aur Vanaspati by शंकर राव जोशी - Shankar Rav Joshi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतकी स्वाभाधिक श्रावश्यकताएँ १३ क्योकि इन देशोमें मनुष्य को प्रौढ़त्व जल्‍दी प्राप्त हो जाता है श्ौर बुढ़ापा भी जलदी झा घेरता है । उष्ण देशौकी लड़कियां दस बारह वषंकी अब- स्थामें ही प्रौढत्वको प्राप्त हो जाती हैं. शरीर बाल्याचस्थामें शादी करनेकी चाल होने से सन्तति भी कमजोर हो जाती है । शोत प्रधान देशों में स्त्रियां २० वघंकी श्रवस्थामे श्रौर पुरुष २२ वष॑की श्रवस्थामें प्रोढ़ताको प्राप्त होते हैं । उत्तर भारतमें ठंड श्रधिक पड़ती है । इसलिप वहां लड़कियां १५-१६ चषंकी झवस्था तक प्रोढत्वको प्राप्त नहीं होतीं । परन्तु मद्रासका हाल बिलकुल जुदा है । वहाँ गरमी अधिक पड़ती है, इसलिए लड़कियाँ छोरी अवस्थामे ही प्रोडत्वकों प्राप्त हो जाती हैं । मानसिक बाढ़का भी यही हाल है । अफ्रीका खराडरें से घिषुव बृत्त गुजरता है, इस- लिए चहाँ गरमी अधिक पड़ती है। शोर यही कारण है कि वहाँके लोग बौने, काले श्रौर कुरूप हैं। मिश्रके सिवा श्म्यत्र सभ्यताके चिन्ह नजर नहीं श्राते । लोगीकी मानसिक शक्तिका भी उतना विकास नहीं हुआ है। परन्तु फ्रांस, इडलेंड, जमेनी, अमेरिका श्रादि देशोकी स्थिति बिलकुल निराली है । वहाँके लोग बलवान ऊंचे और




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