पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि | Puratatva saahitya kala ek dristi

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Puratatva saahitya kala ek dristi by डॉ० भगवतशरण उपाध्याय

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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12) पुरातत्व-साहित्य-कला एक दृष्टि था। दोनों में बड़ा प्रंम था । बड़ा दुःख हुआ कि बहु सर गया भरी जवानी में मर गया वह - 18 साल की उम्र में । जरा खयाल कीजिए पुराविद्‌ के तत्वावधान का उसके समीक्षक का उसकी बरदादत का उसके धैर्य का उसकी निर्मयता का ।. जमाने से लिखा जा रहा था झौर श्राप श्रगर जमाने से अखबार पढ़ते रहे हों तो शायद श्रापकों याद हो 1 मैं भी बच्चा था लेकिन मैंने पढ़ा था बारह साल का था मैं सनु 22 का किस्सा है जो अखबारों में निकलने लगा । तुतनखामन की कब्र उससे पुर्व जिसने भी खोदी सभी मृत्यु के ग्रास हो गये --। क्योंकि तुतनखामन की मसी पर लिखा हुआ है कि-- तुतनखामन यहां सो रहा है कोई उसकी निद्दा संग नकरें जो उसकी निद्रा को भंग करेंगा उसकी निद्रा को झशांत करेगा वह प्रकाल ही कालका ग्रास बन जाएगा। घर फिर देश सेवक ने निकाला कि लॉडे हैंडसबनी अनायास अपने मकान की सातवीं मंजिल की खिड़की से कुद कर मर गये । ये दूसरे काल के ग्रास हुए थे । विक्सत्तरेगा का लड़का जो हावइंटाजेन था जिसने तृतनखामन की कब्न खोदी थी वह अच्छा - खासा शाम को रात को बाथरूम में घुसा झौर जब सुबह तक नहीं निकलता तो लोग कह उठें प्रनायास मर गया । और हावइंटाज॑न का सामीदार लॉडे मोरन इंगलैंड का रहने वाला था उसको तो पत्नी गई माई गया क्योंकि सबने हाथ लगाया था उसमें उसकी बहिन भी गई । चाहे जितने प्रयत्न किए गए अखबारों में बेज्ञानिक कारण बताने के कोई ज्वर से मरा कोई हैजे से मरा कोई किसी से सरा . तपेदिक से मरा । पर किसी ने विश्वास नहीं किया. । अखबार यहीं लिखते रहे । वहीं कार्टर श्रमेरिका से प्राकर यहां बठा क्योंकि बहुत जमाने से इस बात की कोशिश हो रही थी कि तृतनखामन की. कब्र खोद ली जाएं उसे पहिचान ली जाए । बड़े-बड़ें राजा और महाराजा वहां हुए थे उनकी ममियाँ निकाल ली गई..थीं । युरोप के झमेरिका के काहिरा के सम्रहमालयों में ये सुशोित हुई थीं । लेकिन तूतनखामन जिसका जिक़ बरावंर चला झा रहा था उसकी कब्न अपराजेय मानी जाती थी ऐसा लोगों का विश्वास थी 1 लोग उसकी खोज में पड़े | सालों बीत गयें। 1868 से उसकी खुदाई हो रही थी लेकिन कुछ पता सनविनिदददॉदयन न ियों जीत ल्टनुरानन्दनलनलाहिष्य लप वन गाता ं )




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