श्री जैन सिद्धान्त प्रवेशिका भाग 2 | Sri Jain Sidhantbol Sangrah Bhag 2

Sri  Jain  Sidhantbol  Sangrah Bhag 2  by भैरोदान जी - Bhairodan Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्री अगरचन्द भेरोदान सेठिया जैन पारसार्थिक संस्था, बीकानिर कही अचल सम्पत्ति डूस्टी-१. अमान दानवीर सेठ मैरोंदानजी सेठिया । २. श्रीमान्‌ जेठमलजी सेठिया । थी सेठिया जन पारमार्थिक संस्था ” तथा उसके विभागों को स्थायी रूप से व्लाने के लिए निम्नलिखित झचल सम्पत्ति है । इससे होने वाली श्राय संस्था क लिए खचे की जाती दे-- १--मकान ने० १६०-१ पुराना चाइना बाजार कलकत्ता | ता० २८ ४-१४२३ की उपरोक्त मकान की रजिस्ट्री संस्था के नाम ' कलकत्ता रजिस्ट्री धाफिस ” में करा दी गई । झाज कल इससे १३८०] रु० वार्षिक आय होती है । रनमकान नं० हे, 2, ७, 8, ११ भर १३ क्रास स्ट्रीट ( मूखापट़ी ) तथा ने० १९३ धौर १९४ मनोहरदास स्ट्रीट । कलकत्ता रजिस्ट्री धाफिस में उपरोक्त नम्बरों बाले मकान की रजिस्ट्री ता० ४२-३-१८२४ को करा दी गई । शाज कल इससे लगभग रु० १००००] वार्षिक झाय होती डै ।




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