चंद हसीनो के खुतूत | Chand Hasino Ke Khutut
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.3 MB
कुल पष्ठ :
124
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पड .ध.
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प्रियतम, दमलोगोंकी प्रतिज्ञा है दि, हम विवादने
पूर्व एक दूसरेसे जुरूर सठाह लेगे। इस समय...
तुम्हारी सख्त जरूरत है। चन पड़े दो दो-चार दिनोंक्ि कम
लिये यहाँ चढ़े आओ । मेरी रक्षा करो। उुभ्े
सीधे राश्तेपर कर दो ।. बताओ, इस समय मेरा
कत्त व्य क्या है ? मैं, सुललमान-दुदटिता सुल्द्री नगिस-
को हृदयेश्वरी बना सुका हं। अब कया करू !
पिठाजीकों इस समाचास्से कैखो अवगत करू !
इसका उनपर कया प्रभाव पड़ेगा १
यदि तुम न आाखको ते चिश्तुत उत्तर देना।
एक-एक बातका, हर एक एहलूसे |
यदि कलकत्ता आया तो' घरप” छोड़नैकों तैयार
होकर आना । क्योंकि ; मैने 'सुललंपानिन' को
चूमा है और लुम्हें सुभे चूसना दोगा ।
तुम्हारां,..
हरूचलमें पड़ा--
मुरारीकृष्ण
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