बहाउल्लाह और नया युग | Bahaullha Aur Naya Yug-1i
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
45.7 MB
कुल पष्ठ :
408
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. जे. ई. एस्स्लेमोंट - Dr. J. E. Esslemont
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शुभ-सूचना ६ ाज से पचास साल पहसे प्रकाशित दो चुकी हैं । ये असंख्य प्रंथों और पत्रों के रूप में हैं जिनमें से कदे दुनियां के बादशाहां अर शासकों को संबोधित किए गए थे । उनके उपदेश ( संदेश ) विचार और प्रसार की दृष्टि से अनुपम और समय के हाक्षणों ओर ावश्यकताओं के साथ अद्भुत मेल खाते हैं। आजकल की सी जटिल और बड़ी-बड़ी समस्याओं का सासना मानव जाति को पहले कभी नहीं करना पड़ा और नाही कभी इनके सुलभाने के लिए डासंख्य और परस्पर विरोधी उपायों की ही उद्घावना हुई होगी संसार भर के एक सहान शिक्षक की इतनी ज़रूरी और इतनी व्यापक आवश्यकता भी कभी प्रतीत न हुई होगी और कदाचित ऐसे शिक्षक की इतनी श्रद्धापूण और व्यापक आशा भी पहले कभी न लगी होगी । भविष्यवाशियों का पूरा होना-- झब्दुलजहा लिखते हैं -- बीस शताब्दी पूव॑ जब ईसा मसीह प्रकट हुए तब यहूदी लोग यद्यपि बढ़ी उस्कण्ठा से उनके झागसन की प्रतीक्षा कर रहे थे प्रति दिन प्राथना करते श्र आंखों में श्रांसू भर कर कहा करते थे हे ईश्वर शीघ्र श्रवतार धारण करो तो भी जब सत्य का सूय उदित हुझ्ा तो वह उसको सामने से इनकार करने लगे ओर बड़े घेर भाव से उसके विरोधी बन बेटे और इसी कारण उसे ईश्वरीय महती सत्ता को सूली पर लटकाया शोर उसको बीलुज़बब श्र्थात् पापी नाम से पुकारा जेसा कि श्रज्लील में लिखा दे । इसका कारण यह यों बताते थे। ्लोराह के पुस्तक में .श्फ्ट लिखा दें कि इसा के
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