विजय ध्वनि | Vijay-dhwani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.64 MB
कुल पष्ठ :
128
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand),.. शहीद की मां के पति |
भाज इकसौता पुम्हारा पुर रण मं कॉम :
रो रही हो तुम, हिमालय के नयन भरने ले
वह तुम्हारे ही मुकुट के ग्रागे बढ़ा
वद्दे नहीं सोया, हजारों देश के पहुरी जगे
वा है रोज भूरज, कया कभी नहीं
माँ, न भ्रौसु ढाल उसने देश के हित प्राण त्या!
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