सरस्वती | Saraswati
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
402.27 MB
कुल पष्ठ :
463
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(३) क्मेसिद् अकरण शास्त्र
(४) रलचूड़ सूत्र चतुर घर्मापदेश
( ३.) विवाद्शसन शास्त्र.
ब ३७--धर्मबाधि
इनके द्वारा. महायांन-अभिधमेक्रा --महानिवाण सूत्र
शास््र चीनी भाषा में धनुवादित हुआ ।
गा इ८--नरेन्ट्रयशस
_.. थे भी उत्तरी भारत के श्रम्ण थे । १५४७-१८ वष तक
इन्होंने सात अंधों का अनुवाद किया । उनके नाम हैं
...... मददायान सूत्र के- लक
कप (१) पिता-पुत्र समागस . -
/.... (२) चन्द्रगभ वैपुल्य
(दे) सुमेर गम...
..... (४) चन्द्रदीप समाधि सूच्र
_(€) महाकरुणा पुण्डरीक सूत्र.
(६) प्रदीपदानीय सूत्र
.... छीनयान असिधम का
!. (७ के अमिधमे हृदय-शास्त्र
कर ...« झे&--ज्ञानयशस
:....... ये सगघ-देश के बौद्ध सिक्षु थे। ६४-७२ वष तक
हर झ्पने शिष्य यशोयुप्त और ज्ञानयुप्त के साथ इन्होंने छु
'धों का अनुवाद किया । उनमें से दो अंथ मिछते हैं:--
..... महायान के-- .
(1१) महामेघ सूत्र
(२) मद्दायानामिसमय सूत्र
- थे उत्तर भारतीय गान्घार देश के श्रमण थे ।. २९१
७८ वषे पर्यन्त इन्होंने चार अ्रंथों का अनुवाद किया । उनमें
से दोही वतंमान हैं ही न
(१) नाना सम्युक्त संत्र सूघ्र
' महायान का... ..
_ पज्ञारचि था । पूर्वाश्रम में ये किसी. अदेश के शासक थे। ः
डी ... विद्यालय के सिन्न सिन्न प्रकार के प्राय
की . अधिक लिपिटकसाहित्य सम्बन्धी
श्य६ वर्ष में इन्होंने हीनयान के विभिन्न कम्मे-फंलाफछ .. ...
सम्बन्धी सूत्र का अनुवाद किया-- पी
२--विनीतरुचि हक
ये उत्तर भारत के श्रमण थे । श्मर वेष॑ में दो अंधों
का इन्होंने अनुवाद कियाः कै. अर भर
हायान सूत्र का--गया शीष सूत्र
महायान- वैपुल्यघारणी सूत्र
४३-धममगुत्त
थे दक्षिण भारतीय श्रमण थे । इन्होंने. श8०-६३११.
वष तक कई गय्रथों का अनुवाद किया था । उनमें से
वतसान समय में-- हम
(१ ) निदान शास्त्र
(२) निदान सूत्र
(३) भषज्य गुरु-पूच श्रशिघान ्प
(४) बाधि आापि सम्बन्ध सूत्र इत्यादि दस ग्रंथ उप ...
खब्ध हैं । रत
ध४--प्रभाकर मित्र... न
थे सध्यभारत के श्रमश थे । क्षत्रिय जाति के थे।
६२७ चष में ये चीन देश पहुँचे और तीन अंधों का...
अनुवाद किया
महायान सूत्र का-- .
(१ ) रखतारा घारण सूत्र जौ गक
(२) महायान असिधर्मीय--ग्रचाप्रदीप शास्त्र- रे
टीका .
( दे) सूत्रालंकार टीका ।.
.. ' छ४--भगवद्धम . -............
ये पश्चिम भारत के श्रमण थे । इन्होंने एक ही अन्य...
का अनुवाद चीनी भाषा में किया । उसका नाम
हायान सूत्र का--सहखबाइ-सदख्राक्ष-अवलो कितेश्वर- दर
नर प्र - बोधिसत्व-महापूण प्रतिइता--महददाकारुणिक-हृदयधारिणी । :
(२) सद्मपुण्डरीक कृत झवलोकितेश्वर-समन्तसुख- के
मध्यमारत के श्रमण थे । हीनयान श्र महायान
1१०० से भी
म्न्थों - को लेकर; ९१९ रा
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