भारतीय हिन्दी कोश | Bharatiya Hindi Kosh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अधड़' अधघड़ - पु० [हिं] धूल मिली हुई ज़ोरदार हवा, आाँधी, तूफान । अघधतमसर - पु० [सं| गहरा अंधेरा, गाढ़ांघकार ; एक नरक का नास । अधघतामिखस्र - पु० [सं] घोर अंधकारयुक्त एक नरक; सांख्य में इच्छा विंपर्यय के पाँच प्रकारो में एक । अघघुध - 1, पु० [हिं।| गड़बड़ी ; अन्याय ; अंघेरा ; 2. वि० अत्यधिक | अघपरंपरा - स्त्री [सं] लकीर की फृकीरी, बिना सोचे बिचारे अनुकरण करना, मेडियाघसान | अघविश्वास - पु० [सं] बिना सोच्वे-समझे किसी बात को मानना, विवेकद्यून्य धारणा । भंघस - पु० [सं] भात, पकाया हुआ चावल | अंघा - 4. पु० [सं] वह जिसे आँसखो से कुछ भी दिखायी न देता हो ; 2. वि० नेत्रविह्दीन, अंधकार से भरा । सु० -+ बनाना - आँख में धूल झोकना, धोखा देना ।. -- होना - विवेकद्यूत्य होना। उंघे की लकड़ी या लाठी - सहारा, इकलौता बेटा । अघाईघ - 1... क्रि० [हिं] बिना सोचे-समझे, बहुत तेज़ी या जब्दी से ; 2. स्त्री० अन्याय ; अविचार | का ह पु० [हिं] अंधकार, अंधेरा । अघेर - पु० [हिं] अन्याय, अत्याचार ; गड़बड़ी, बुरी व्यवस्था |. सु० करना - किसी के प्रति अन्याय करना । अंघेरखाता - पु० [हिं] बदइंतज़ाम, बुरी व्यवस्था ; अविचार । अघेरना | - स० |[हिं | अंधकारमय करना । अंघेरा - पु० [हिं] अंधकार, जुँवलापन ; रलासलायय अभोघर उदासी, दुख । भ्ु० -- छाना - शोक करना, मातम छाना ।. जंघेरे घर का उजाला - एकमात्र आधार, कुछदीपक । मैंह अँधघेरे - बड़े सबेरे। अघीटी - स्त्री [हि] बैल या घोड़ों की आँख पर की पट्टी । अब - स्त्री [सं] माता; डुर्गा ; आम का पेड़ या फल | अबक - पु० [से] पिता ; जमाँख ; ताँबा । अबर - पु० [सं] वस्त्र, रंगीन किनारदारी साड़ी ; आकादा;. कपास; [फि] अश्चक ; बादल । अबरबेलि - स्त्री [हिं] जड़ और पत्र रहित एक फैलनेवाली पीली छंता, आकादाबेल | अंबराई - स्त्री हिं] आम का बगीचा | अंबराडबर - पु० [हिं] सूर्यास्त के समय की लाली | अबरीष - पु० [से] भाड़, एक तरह का बड़ा चूल्हा ; विष्णु ; दिव ; पक राजा । ऊंबा - स्त्री [सं] माता ; दुर्गा ; काशिराज की बेटी ; पाढ़ा । अंबिका - स्त्री [सं] माता ; पार्वती ; काथि- राज की कन्या । अबु - पु० [सं] पानी, जल । अबुज - पु० [सं] कमल | अबुद - पु० [सं | बादल ; मोथा घास । अंबुप - पु० [सं] समुद्र ; वरुण । अबुभ्डत) - पु० [स] बादल ; अबुधि है घास ; समुद्र । अंबुरुदद - पु० [सं] कमल | जंबुवाह - पु० [सं] बादल । अभ - पु० [सं] पानी; देवता ; पितर दर असुर । अभोज - पु० [सं] कमल; सारस पछ्ती ; चचद्मा ; कपूर ; चोख | अभोघर - पु० [सं] बादल | मोथा




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