सरस्वती खंड | Saraswati Khand-i

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : सरस्वती खंड - Saraswati Khand-i

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about महावीर प्रसाद द्विवेदी - Mahavir Prasad Dwivedi

Add Infomation AboutMahavir Prasad Dwivedi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
के # # इंडियन प्रेस प्रयाग..की सर्वेत्तम पुस्तकें ऋ क# ऋ9ः बालविष्णुपुराण । शज--यिप्युपुराण में कितनी दी पेसी विचित्र श्रार दिक्षाप्रद कथाये दें. दि शिमके लानने की दिल्‍दी बाछें का बड़ी जरूरत है। इस पुराय में बलियुगी मयिष्य शज्ाग्ों की घरायसी का थड़े विस्तार से दर्यन किया गया है। जा छेाग संस्कत मापा में विभुपुराण की कथाओं का आनस्व्‌ मददीं लूट सकते बन्द बालविभ-पुराण पढ़मा साहिए । इस पुस्तक का विप्सूपुराय का सार सममिप | मूख्य 1 साज-स्वास्थ्य-रक्षा । श८--यद्द पुस्तक प्रत्येक हिम्दी जाननेपाले का पढ़भो घाहिए.। प्रत्येक युदस्स के इसकी पक एफ कापी अपने घर में रख्थमी चाहिए । थाठकों का ते ारम्म से ही इस पुस्तक का पढ़कर स्पास्थ्य-सुघार के सपायां का बन प्राप्त कर छेमा चाहिए । इसमें चतलाया गया हैं कि मजुष्य किस प्रकार रद कर किस प्रकार का माजन करके सोराग रद सकता है | इसमें प्रति दिन के ध्ताध में भरानेयाली श्ामे की शीर्जों के गुप्प- दै।प मी अष्छो तरह जताये गये हैं । कहाँ तक फर पुस्तक मलुष्य-माण के काम की है। इतनो उपयागी शुस्तक का मूल्य फेघक 8) भाठ अआगगा रक्शा है। सालगीतावति | शर--मददामारत में वया भद्दों है। बसमें समी कुछ सैवद है। मदामास्त के रस्नें का स्रागर कहना ाहिए दिशा का मच्हार कहसा सलाहिए। अप क्ानते हैं चासगीसापस्ि में कया है १ इसमें मददा- मारत में से ९ मातापां का संप्रद किया गया ऐ। इन मीतापं में पेसा उसम सम रिशाये हैं कि जिनके अजुसार धर्ताप बने से सजुष्य कत परम ब््याय दो सकता है । हमे पूरी गाया हैं कि समस्त दिस्दी-प्रेमी इस पुस्दक का पट कर रुत्म शिसा का छाम करेंगे मूस्य ब) आठ झाते । वालनिवन्घमाला । शु०-इसमें काई ३५ शिशादायक घिपयां पर बड़ी सुन्दर मापा में निदरथ लिखे गय हैं । वास बे छिप हे यदद पुस्तक सम शुरु का काम देगी । ज़रूर मेंगाइए । मूल्य 1 बाजस्सृतिमाला । २१--हमने १८ स्सूतियां का सार-संप्रद कर कर यह वाछस्मूतिमारा प्रकाशित की है। आदा है सनातमघर्म के प्रंमी सपने प्रपते थालकों के दाथ में यह घर्मशासत्र की पुस्तक दैकर ढनका धघमिप्ट घनामे का उद्योग करने । मूल्य केयर 8 भाठ भाने बाजपुराण । २२--पुराणां में बहुत सी ऐसी कथाये हैं जिनसे मजुर्प्पों का धहुत कुछ उपदेश मिल सक्तता है। पर पुराण इसने अधिक सार बड़े हैं कि उन संबका पढ़ना प्रत्येक मनुष्य के लिए असम्मप महदीं सा महाकएट- साध्य अषएय है | इसलिए सर्साघारण के सुमीते के लिए दमने अठारद मद्दापुरार्णा का साररूप घाल्त- पुराण सैयार करा कर पकाशित किया है। इसमें अरारहां पुराथणं की संदिप्त फपासू्ो दी गई है धार यदद मी वतसाया गया है कि किस पुराण में कितने जोक सार कितने भष्याय आदि हैं | पुस्सऊ घड़े काम थी है । इतनी उपयोगी पुस्तक का मूल्य केपस ॥ याज्मोजप्रबन्घ । शदद--रासा माश का पिधाधेम फिसी से छिपा महदीं है| संस्द्रत मापा के माजप्रचत्घ मामक पन्य में पहा भाज के संस्छत-चिघाप्रम-सम्पन्यी अमेऋ अक्यान लिखे इुए हैं। थे पड़े मनारम्रक सार दिक्ादायक हैं । बसी माशप्रदम्थ बय स्ाररूप थयद म्यार-माजमदनस्थ उपकर तैयार दा गया । सभी दिव्दी-म्रे मियां बय यद पुष्सऊ झपइय पढ़मी चाहिए । मूल्य बहुत दी कम कप थै आठ आने । झलक सिछ्मे का पता-मेनेजर इंडियन प्रेस प्रयाग । .. मरी हे न 1 दि




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now