मधुमेह चिकित्सा | Madhumehachikitsaa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.45 MB
कुल पष्ठ :
162
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मधुमेह -चिकित्सा ) 5
जब :खराब हो जाते हैं तभी मघुमेड या डायबिटीज नामक
रोग होता है। साथ हो स्तायुद्रों की कमजोरी भी इस रोग
के बढ़ाने में सहायक होती है
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था पैनक्रियास से एक प्रकार का रस निकचता हे उसे
इनसूलिन कहते हैं । इस रस से चीनी आर स्टाच पचता है।
घ्योर रक्त में सिलने लायक बनता है । इनसूलिन की कमी से ही
मधुमेह हो जाना है क्योंकि चीनी का पाचन नहीं होता । तभी
पेशाब में चानी झ्राने लगती है ।
डायबिटीज का रोगों जो कुड स्टाच या कार्बाहाइड ट
खाता हैं, वह रक्त में मिलता नहीं बल्कि रक्त्रहा नालियों में
में फेंक दिया जाता है। उसका कोइ भी उपयोग शरीर नहीं
कर पाता है । इससे शरीर को कोई शक्ति नहीं मिलती । यही
चीनी पशात्र में श्रा जाती है। कुछ लोगों की हालत यहाँ तक
बिगड़ जाती है कि रोगी यदि स्टाच खाना बन्द कर दे तो जो
प्रोटीन या बसा वह खाता है उसी की चीनी बन जाती है ।
घ्प्ौर पेशाब में चीनी जाना जारी रहता है। यह जरूर है कि
प्रोटीन से चोनी उतनी अधिक मात्रा में नहीं बनती जितनी
स्टाच से बनती है श्रौर एक निशिवत मात्रा तक हो सोसि |
रहती है । यह रोग को बढ़ी हु दशा है ।
दो प्रकार के रोगी
गी दो तरह के पाये जाते हैं । पहली श्रेणी
किन,
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