भारत में अंग्रेजी राज | Bharat Main Angreji Raj
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20.31 MB
कुल पष्ठ :
744
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
भारत के स्वाधीनता आंदोलन के अनेक पक्ष थे। हिंसा और अहिंसा के साथ कुछ लोग देश तथा विदेश में पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जन जागरण भी कर रहे थे। अंग्रेज इन सबको अपने लिए खतरनाक मानते थे।
26 सितम्बर, 1886 को खतौली (जिला मुजफ्फरनगर, उ.प्र.) में सुंदरलाल नामक एक तेजस्वी बालक ने जन्म लिया। खतौली में गंगा नहर के किनारे बिजली और सिंचाई विभाग के कर्मचारी रहते हैं। इनके पिता श्री तोताराम श्रीवास्तव उन दिनों वहां उच्च सरकारी पद पर थे। उनके परिवार में प्रायः सभी लोग अच्छी सरकारी नौकरियों में थे।
मुजफ्फरनगर से हाईस्कूल करने के बाद सुंदरलाल जी प्रयाग के प्रसिद्ध म्योर कालिज में पढ़ने गये। वहां क्रांतिकारियो
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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चित्र सूची
तीसरी जिट्द
नाम
. दोस्त मोदम्मद खाँ ( चार रह्डों में )
. कप्तान जान कोनोली ( श्रफ़्ग़ान वेश में )
. कप्तान प्राडरसन
- मोदम्मद् श्कवर खाँ
. डाक्टर घ्राइडन
. सर '्लेकज़ेसडर वन्स-वोख़ारा की पोशाक में
, श्मीर नसीर खाँ श्रौर उसके दों वेटे
. मीर रुस्तम खाँ ( चार रज्ञों में )
. शामसिंद झटारीवाला
, राजा पघ्रतापर्सिद, सतारा ...
. दीवान सूलराज कि
. दिल्ली का श्न्तिम सन्नाट बद्दाुर शाद्द )
. चेगम ज़ीनत महल ही
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