भारतीय इतिहास का परिचय | Bhartiya Itihas Ka Parichaya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : भारतीय इतिहास का परिचय  - Bhartiya Itihas Ka Parichaya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about राजबली पाण्डेय - Rajbali Pandey

Add Infomation AboutRajbali Pandey

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१ अध्याय देश और निवासी -. - १. देश का नाम जिस देए में हम दसते हैं उसका पुराता माम सारतवर्ष दै । यह माम पढने के कई कारण बताये साते हैं। एक परम्परा के भ्रमुसार पौरव-बंधी शागा दुप्यम्त भौर पाकुस्सछा के पुष्र चक्रवर्ती मरत के नाम पर पढ़ देपा. . भारतवर्ष कहकाया । दूसरी पौराणिक श्षयाति धर जैन सादिष्य में पद पाया दाता है कि सगवामू ऋपसदेव के बडे पुत्र मद्दायोगी सपस्थरी सौर गुणवान्‌ भरत के लाम पर इस देस का माम मारतवप पढ़ा । इन दोनों परम्परार्ओों में पक दोप डाम पदता है। नगरों और प्रास्तों के नाम र्यक्तिसों के ऊपर रखे पाये जाते हैं परम्तु देखें के नाम पाया थातियों के माम पर पते रदे हैं । सपिक सच सो पद भाग पढ़ता दे कि भरत के बंदाओं की प्राचीन मरत जाति मे दी यह भाम देस को दिया । राजमीहि परम पिया लौर संस्थृति में भरत जाति आारयों में लप्रणी थी । उसके विस्तार भर प्रमाष से सारा देश भारतवर्ष भषवा मरतों का देश कदल्यया। पहाँ तक कि देश की विद्या खौर कछा का नाम सी भारती पढ़ा । सब पूमानी इस देश के सम्पर्क में भाषे तलब एस्ट्नि सिसपु मदी के पास के प्रदेशों के इण्डिया माम दिया जिसका प्रयोग युरोपीय छोगों ने सारे देश के किये किया । सारतवर्प में थदद मामे प्रचछ्ित न हो सका । ईरामियों ने सिरपु के पास के प्रास्तों में चसनेघाठन को हिन्दू शर उनके देश को दिग्दुस्ताम बाम दिया । पीछे ईरामी भाषा से प्रमादित शौर जातियों ने सारे देश को हिन्दुतान कहा । पे दोनों बिदेधी माम शाजमीति के कारण चरुते रहे परन्तु दा के सामाजिक सीबम में मारतयपे माम शायर तक सर्वेोधिय रद्दा है भौर स्पतंत्र मारत ने चिघानसः पपना सदी राष्ट्रीय नाम प्रदण किया है । २. स्थिति घिस्तार सौर सीमा था सारतथर्प ७ सर ३७ शर्वात उत्तरी सथा ६२ शौर ९८ देशाम्तर पूर्वी में स्थित दे ।. यदद इ्रिपी पुथिया के थीच में समुद में पुसता हुमा क्षमा गया है। उसर में दिमार्य से लेकर ददिण में भारत सददासागर थीर पश्चिम में




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now