प्राचीन भारत हिन्दू काल | Prachin Bharat Hindu Kaal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.76 MB
कुल पष्ठ :
409
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about गोरखनाथ चोबे - Gorakhnath Chobey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्र प्राचीन भारत
हुआ है, किसी एक केन्द्र से नियंत्रित नददीं फिया जा सकता
इसलिए उसकी रक्षा करने के लिए पूरे दरें फी देखभाल करनी
होती है । नि
उत्तर-पूर्वी सीमा. में, जहाँ हिमालय की _र्वलाएं उत्तर वर
दक्षिण तक चली गई हूँ व्मौर जिनके बीच में लम्वी-लम्वी घाठियां
हूँ, चरमा स्थित हे. । इन पर्वत श्द्धलाओं का पश्चिमीतम भाग
उत्तर में बरमा को 'आसाम से 'लग करता है ब्यौर फिर, पश्चिम
की 'ओर, 'मासाम में फैल जाता है । इसके बाद, उतार पर; यह पचत
अद्डला अराकान में पहुँच कर छ्रप्ठ भूमि का स्थान प्रहण कर, लेती
है चहदों यदद लुशाई पवतमाला 'और 'अराकान योमा फददलाती है. ।
बरमा संमानान्तर पर्वतमालाओ़ों 'और उनके , बीच चहदनेवाली
घड़ी-ब्र्टी नदियों से मिलकर चना है. ! इरावदी स्ौर शालवीन नदी
इनमें प्रमुख हैं.। ये नदियाँ चारसें ओर दुर्गेम पद्दाढ़ों से घिरी ड्।
ब्माचागमन का केवल एक रास्ता हू. जो उत्तरी वरमा में भार्मों से शुरू
होकर पहाड़ों पर से. होठा दक्षिसी चीन तक गया है। बरमा श्र
भारत के बीच न कोई रेल दे 'और न कोई खुश्की का रास्ता 'अब
लक प्रतिच्ठित दो सका है| फेवल समुद्र के रास्ते भारत से बर्मा
तक पहुँचा जा सकता है । यही व है जो इसकी मिश्रित
जातीयता छार्यो के उन भ्रवासों से सुरक्षित रह. सकी है जो बाद
में दोते रदे ।1क
न चरमी-मंगोल लोगों के बीच में उन्दोंने वस्तियाँ बना ली थीं। इस
प्रकार झ्रार्य श्ौर द्रविढ़ दोनों का सम्मिलित प्रमाव बर्मी लोगों को वर्तमान
रूप देने में रद्दा दे ।
पश्चिमोत्तर की श्रोर बरमा घने जंगलों द्वारा श्रासांम से श्रलग हो गया
हे। यहाँ गदरी सकीर्श घाटियाँ दे श्रौर नागा, करेन, ठणई तथा चौन
नाग की जंगली श्रादि नातियाँ यदाँ रहती दे । श्रासाम की घाटी में सम्पूर्ण
दक्षिणी माग तक में यदद श्रगम्य पर्वत शंखला फैली हुई है। इसी की पक
लम्बी सुजा दक्षिण की श्रोर बढ़कर श्रराकम को चरमा के भीतरी भाग से
श्रलग करती दे । श्वराकान-संखलके पूर्व में मिम्रतर चरमा के चढ़े फेन्द्रीय
मैदान हं चो ईरावदी श्रौर श्वन्य नदियों द्वारा सीचे जाते दे | इसके बाद पक
देढ़े भेढ़े पठार का मारम्म दे लो उत्तर में या चीन की पहाल़ियों श्ौर
जान दी रियासतों में वैलता इुच्चा मलाया प्रायद्योप के भीतर तक चला
साया दे । प्रागैतिद्दासिक काल में यददं के लोग चादे नैसे दो, पर बरमी-ण
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