कल्याण | Kalyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
51.49 MB
कुल पष्ठ :
821
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
He was great saint.He was co-founder Of GEETAPRESS Gorakhpur. Once He got Darshan of a Himalayan saint, who directed him to re stablish vadik sahitya. From that day he worked towards stablish Geeta press.
He was real vaishnava ,Great devoty of Sri Radha Krishna.
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)' २५३ भीमद्गवह्ीताका चरम तात्पर्य
रे५८ शीमद्धमवड्ञीताका विशानमाध्य
र५९ शीमद्धरावद्ीताका सार्वमौम स्थान
र६० शभीमड्गवद्गीताका सिद्धान्त
२६१ श्रीमद्धगक्ड्रीताकी अनुदान-विधि
रे श्रीमद्धगबद्गीताकी पाठ-विधि
२६३ भीमद्धगवद्गीताके शषि» छन्द; देवता
और विनियोग
२६४ शीमद्धगवद्गीताके दो प्रसश्ञॉपर विचार
२५६५ भीमद्धगवद्गीतामें वर्ण-धर्म
२६६ शीमद्भगवद्गीतामें शरणागति
२६५७ १9 3
२६८ श्रीमानसका अनुपम महत्त्व
२६९ श्रीमानस-शक्का-समाधान
२७० श्रीरामचरितमानसका तात्पर्य
२७२ संत श्रीसेवादातजीके वचन
२७३ संयम
२७४ संयम ही तव है ( सं० )
२७५ संसार
२७६ संसारका सम्मान्य अन्य ( सं० )
२७७ संसारमें रइनेका तरीका
२७८ संसारसे तरनेका उपाय ( सं० )
२७९ सकल्प
२८० सख्य-रस
२८१ सखाभाव
२८२ से संत
२८३ सत्सकूका प्रसाद
स्८४ सबका मूल अशान
८५ सम्पादरकोका निवेदन
ए८६ सर्वप्रिय काव्य ( सं० )
८७ सर्वशाकषमयी गीता
' स्ट८ सदजयोग
** ( साहित्याचार्य श्रीपाद भीशान्तिमिक्षु जिशयूली) काइयप ) ' * *
*** ( श्रीविष्णवाचार्य स्वामीजी मदन्त भीरामदासजी महाराज). ९९६
** ( साहित्यरत्त पं० श्रीदिवरतजी धुक्क 'सिरस” ) ** ११४२
*** (पं० श्रीनरहर शास्त्री सखरशीकर ) *** ध
*** ( श्रीजयरामदासजी 'दीन” रामायणी )
** ( श्रीजयरामदातजी 'दौन” रामायणी ) १९७८) १३३५; १५०८५
*** ( स्वामीजी श्रीरामदेवजी मददाराज )
२७९ श्रीसामिनारायण-सम्प्रदायमें गीताका स्थान * '
सन्त 5”
*** ( बैष्णबाचार्व पं० भीरतिकमोहनओी विययाभूष ) ७७
२५७ शीमद्धगवद्गीताका परमतत्तू मक्तितत्व ही है *
*** ( महमहषोपाध्याय पं० भीमिरिघरजी शर्मा चंदुर्ेदी ) **'. ९९२
(भी ह० म० प० घुंडा महाराज देगल्ूरकर ) * १०३१
शः्दु बेदान्ताव्वार्थ प० औमदेशामन्दजी उनियाढ शाख्ी श ०** १३०३
*** ( श्रीनारायणाचार्य गोविन्दाचार्य बरखेडकर ) न श
लक कु न्य्य की
श्५३े
** (पं० श्रीगोपालचन्द्रजी मिश्र गीड़; वेद्शास्त्री ) *+* ९७८
श्११
* शर४५
* १४२०
श्दू०्१) १७३५
शर५४; १३२८
( पं० “श्रीकृष्णवछभाचार्यजी” स्वामिनारायण; दार्शनिक-
प्चानन) पड़दर्शनाचार्य) नन्यन्यायाचार्य; सांख्य-
योग-वेदान्त-मीमांसातीर्य ) * श्००२
शजन १८१७
*** (श्रीमनिकलालजी सिंघवी) एम्० ए.०; एल-ए० बी०) ** १३७४
न जनवरी-टाइटिलका पोथा प्रष्ठ
** ( भ्रीमत्परमहंस परिवाजकाचार्य औमत्स्वामी भीशक्करतीर्थजी
महाराज ) १७९५
** ( महामहोपाध्याय पण्डितप्रवर श्रीलकष्मण शास्त्री द्राविद़ )* * * १००३
** ( पूज्यपाद श्रीमोलानाथजी महाराज ) श्७र८
** ( महाभारत; शान्तिपर्व ) मई-टाइटिलका चौथा पट
*** ( श्रीअनिलवरण राय ) ** * श६६६
** ( पं० श्रीशान्तनुविह्ारीजी द्विवेदी ) ** ** १८९३
** ( मुखिया श्रीविद्यासागरजी ) * १५००
० ( शी स्चक्र' ) र * १७८९
*** ( पं० शीशोन्तनुविहारीजी दिवेदी ) ** १७७३
** ( स्वामी श्रीरामदेवजी महाराज ) ** श७१४
बलि तो जल
** ( सर एडविन आारनल्ड ) व ** र००६.
** ( प्रोफेसर फिरोज कायसजी दावर; एम ० ए.०) एल
एलू० बी० ) ** १०३ेट'
** ( पं० औलालजीरामजी शुकक; एम्० ए०) बी० टी० ). *** १६९४
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