मनुस्मृति एवं कौटिलीय अर्थशास्त्र की दण्ड व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन | Manusmriti Ayam Kautilya Arthasastra Ki Danda Bwavasthao Ka Tulnatmak Adhayan
श्रेणी : आलोचनात्मक / Critique
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21.53 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कि नामरुरण थी अषियों के साध जुज़ता गया ।. छत फ्रम में यह मां निवेध दे जिस ऋषि के द्वारा जिस स्सृत्ति का सिभाण किया जाता या वह उत्तो क नाम ते समझी जाती थी. ।. पधा-सतुत्मृत्ति याध्षवल्क्य स्मति पाराइर हार स्सृत्ति आदि । इन सम्पूर्ण स्मृत्ति तमहों में मतुस्साति अत्पन्त प्रावीन स्मृति है | इसके प्रणता भगवान् मतु मानवोँ के पूर्वज हैं । मतु की संध्या चौदह है जिनके नाम निम्नलिखित हैं - 1. सवा मम्शव 2 स्वारीचिधि उ.. आत्तमि ५. तामसि 5. रैवत ८. चाहघ ॥चायुर्षा। 7. वैवस्वत 9. सावर्णणि 9. दक्षप्तावर्ण | 0. . ब्रह्म वर्ण | |... धर्म्सावर्ण 12... रदट्रसावर्ण [5. रॉच्य सावर्ण एवं [५. भौत्य सावर्ण 1 इन उक्त चतुर्द मनु में मतुत्सूत्तिकार मनु जादि भगवान् स्वायंभ ही हैं । उपलब्ध मुस्सत्ति जादि मनु की ही कृत्ति हैं अथवा उसका कोई परिष्कृत
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