कबीर और अरवा की वचारधारा का तुलनात्मक अध्ययन | Kabir Aur Arva Ki Vachardhara ka tulnatmak adhyyan

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Kabir Aur Arva Ki Vachardhara ka tulnatmak adhyyan by रामनाथ घूरेलाल शर्मा - Ramnath Ghurelal Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषयानुऋ्रमणिका विषय पृष्ट प्रथम अध्याय १-५२ छीवन-दृत्त (१) कबीर का जीवन-वृत्त--ताम,माता-पिता एवं परिवार, जीवनकाल, जन्म- निवास एवं मृत्यु-स्थान, उद्यम एवं जाति, आ्थिक-स्थिति, गुरु, अध्ययत्त, पर्यटन, शिष्य-परंपरा, व्यक्तित्व एवं स्वभाव । १-२४ (२) अखा का जीवन-वृत्त--नाम, माता-पिता व परिवार, जीवन-काल, जल्म- निवास एवं मृत्यु स्थान, उद्यम एवं जाति, आ्िक-स्थिति, गुरु, अध्ययन, पर्यटन, शिष्य-परंपरा, जनश्रुतियों की समीक्षा, व्यक्तित्व एवं स्वश्ाव।. २४-५० तुलनात्मक निष्कर्ष । ০০] दितीय अध्याय ५३-९२ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (क) कबीर-- (१) राजनीतिक परिस्थिति, (२) आर्थिक परिस्थिति, (३) सामा- जिक परिस्थिति, (४) धार्मिक परिस्थिति एवं (५) साहित्यिक परिस्थिति । ३-७० (ख) अछणा-- (१) राजनीतिक परिस्थिति, (२) आधिक परिस्थिति, (३) सामाजिक परिस्थिति, (४) धामिक परिस्थिति एवं (५) साहित्यिक परिस्थिति । ७ १-८७ (ग) कवीर एवं उखा की समकालीन परिस्थितियों का तुलनात्सक विश्लेषण (१) राजनीतिक परिस्थितियां, (२) आर्थिक परिस्थितिर्या, (३) सामाजिक परिस्थितिर्या, (४) धािक परिस्थितियां एवं (५) साहित्यिक परिस्थितियां । ८७-९ ६ (घ) उपर्युक्त विवेचन का समग्रतया मूत्याकन 1 ९१-९२ तृतीय अध्याय ९३-१४५ दाशनिक पृष्ठभू स (ক) (१) श्रुति-प्रंथ, (२) पड़दर्शन--वेदान्त ( उपनिपद्‌ एवं गीता ) सांख्य- दर्शन एवं योग-दर्शन, (३) अजातवाद, (४) शंकराहेत, (५) वैष्णव सत, श्रीमद्भागवत, भवित के आचार्य, भक्ति के दार्शनिक--स्वामी रामानन्ड, वत्लसाचायं, (६) नास्तिक-दर्नन--जैन-दर्शन, वौद्ध-दर्णनःहीनयान, महायान, शून्यवाद । (७) तांत्रिक मत एवं साथनाएँ-बौद्ध तांत्रिक मत-मंत्रयान, वज्ञ«




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