मनुस्मृति एवं कौटिलीय अर्थशास्त्र की दण्ड व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन | Manusmriti Ayam Kautilya Arthasastra Ki Danda Bwavasthao Ka Tulnatmak Adhayan

Manusmriti Ayam Kautilya Arthasastra Ki Danda Bwavasthao Ka Tulnatmak Adhayan by राम समुझ तिवारी - Ram Samujh Tiwari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कि नामरुरण थी अषियों के साध जुज़ता गया ।. छत फ्रम में यह मां निवेध दे जिस ऋषि के द्वारा जिस स्सृत्ति का सिभाण किया जाता या वह उत्तो क नाम ते समझी जाती थी. ।. पधा-सतुत्मृत्ति याध्षवल्क्य स्मति पाराइर हार स्सृत्ति आदि । इन सम्पूर्ण स्मृत्ति तमहों में मतुस्साति अत्पन्त प्रावीन स्मृति है | इसके प्रणता भगवान्‌ मतु मानवोँ के पूर्वज हैं । मतु की संध्या चौदह है जिनके नाम निम्नलिखित हैं - 1. सवा मम्शव 2 स्वारीचिधि उ.. आत्तमि ५. तामसि 5. रैवत ८. चाहघ ॥चायुर्षा। 7. वैवस्वत 9. सावर्णणि 9. दक्षप्तावर्ण | 0. . ब्रह्म वर्ण | |... धर्म्सावर्ण 12... रदट्रसावर्ण [5. रॉच्य सावर्ण एवं [५. भौत्य सावर्ण 1 इन उक्त चतुर्द मनु में मतुत्सूत्तिकार मनु जादि भगवान्‌ स्वायंभ ही हैं । उपलब्ध मुस्सत्ति जादि मनु की ही कृत्ति हैं अथवा उसका कोई परिष्कृत




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