१३०५ भारतीय चीनी मिट्टियाँ | 1305 Bhartiya Chini Mittiyan

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1305 Bhartiya Chini Mittiyan by मनोहर लाल मिश्र - manohar lal mishr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १३ ) सादगी, सफाई और सस्तेपन्ें यूरोप और मेरिकाके कारीगर जापानी कारीगरॉका सुकाबला नहीं कर पा रहे है । भारतवर्षमे चौनी मिटटी बड्ुतायतसे पाई जाती है। यह स्थान-स्थान- से खोदकर निकाली और काममे लाई जा सकती हैं । यहाँकी चीनी मिट्टी सामान्यतया अच्छी होती है और थोड़ेसे संशोधनसे ही संसारके अन्य देशोसे पाई जाने वाली श्रच्छी-से-भ्रच्छी 'चीनी मिट्टीसे बह सब बातोंमि टक्कर ले सकती है । इतना होते हुए भी हमारा यह दुर्भाग्य ही है कि अपने देशमें मिलनेवाली श्र हर प्रकारके उपयोगमें झानेवाली चीन मिट्डीके विषयमे हमारा ज्ञान बहुत ही कम हो । हमारे देशसे कितने ही स्यान एसे हैं जहाँ उच्च-से-उच्च कोटिकी चीनी मिट्टी मिलना सम्भव है | पर इस भ्रभीतक यद्द नहीं जानते कि ये स्थान कहाँ है । इसी प्रकार कितनेददी स्थान ऐसे है जहाँ हम जानते है कि उत्तम प्रकारकी चीनी मिटटी पाई जाती है । पर ऐसे स्पानोकी चीनी सिट्टीका उपयोग नहीं होरदाइई। ये स्थान बेकार ही पड़े है । इन स्थानोकी चीनी मिट्टीको उपयोगम लानेकी झोर हमारा ध्यान कदाचिव्‌ ही गया हो । ऐसे स्थानों की चीनी सिट्टी बकार दी पढ़ी दुई किसी विदेशीका सुंद ताक रही है कि वदद आकर उनका जन्स सार्थक करे । जो सिट्टियाँ उपयोगमें लाई ला रही हैं उनका दुर्भाग्य इसीमें दै कि वे झपने दी देशमें दोकर, अपने दो स्वजनों द्वारा खोदी जाकर, अपने ही स्वजनों द्वारा उपयोगी चस्तुओओं- में परिणत होकर श्रौर अपने हो स्वजनोंके उपयोगमं श्राते हुए भी विदेशियोंकी दी जेच में पैसा भरती हैं । . भारत के जिन स्थानों सें चीनी मिट्टी अचुरतासे पाई जाती हे उनका पता लगानेका सबे प्रथम श्रेय भारत सरकारके 'जियालाजिकल सर्वे झाफ इणिडिया' विभागको है, जो झाज लगमय ६० वर्षासे भूगर्भ सम्बन्धी खोजका कार्य भारतमें कर रहा दे । कतिपय व्यवसायी कम्प- नियोंने भी इस ओर ध्यान दिया है । कुछ वर्दासे काशी विश्वविद्या-




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