सरबचन राधास्वामी नसर पानी | Sarbachan Radhasoami Nasar Pani
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19.12 MB
कुल पष्ठ :
358
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( 3३)
लोग रा स्पह॑द्ार और सूरखता से
उनको निंदक कक्हते हैं खासकर रोज-
गारी लोग सिरुस पंडित अर सेण फे
' जरूर बरादइे करने को तद्ेयार हैसे हैं
[४०] जा कोई यह कहे कि हम ताता
रा कजउस रुप अप पद की उपाशना'
करते हैं जा असल रुप है थाने जंह्ां
| से श्रीतार प्रघट हुये हैं ला यह कहसा
| उनका दुरूसत है पर दस शुद्र फिर सी
बिचार करना चाहिसे कि जा उस रूप
या पदकी पूजातररइछइस्वितियार किया
तो इस्स उस पंद को पजा आर इंप्ठ क्यों!
नहीं इखतलियार करते जहां से. शाला रां
का असली पद पेदा इच्छा सहन शार
तरीका दानों पद दंत. पजाके बराबर हैं
पर उनके फल चोर फायदे में सेठ है
इसवास्त सबसे बड़े द्यौर ऊंचे पद सी
| पूजा और इ्ठ सुनाखिंब है आर यही
सतां का दर प्योर इसी को संत उप
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