संत वाणी | Sant Wadi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(२ )सतपर मार; मारनेवाछेकी सेवा २१-२२-संतका स्वभाव--- मान-घनकी तुच्छता ७०५ ( १ ) मानकी तुन्छता ( २ ) घनकी तुन्छता सादे चित्र १-संतकी क्षमा * ुट र-३-संतोका अक्रोध ४९ ( १ ) तुकाराम (२); एकनाथ ४-परदुःख-कातरता-- रन्तिदेवका त्याग ”' ५ से ७-महान्‌ मनस्वी (१) दिवि (२) दधीचि ( रे ) हरिश्वन्द्र ८-९-सबमें भगवानके दर्शन २४० ( १ ) एकनाथका गधेमें दिव-दर्दोन ( २ ) नामदेवका कुत्तेमें नारायण- दर्दन द्‌ १०-११-मय और अमय ”*” २४१ ( १ ) बुद्धके वेराग्यमें तीन. कारण ( २) मीराका विषपान १२-भबकी राखि छेहु भगवान १६० “* २६१ रेश१६ १-देवर्षि नारद ***.. २६ र२-मुनि श्रीसनत्कुमार ”*” ३१ ३--महर्षि याज्ञवट्क्य स्क्ण झभ ४-ऋषिकुमार नचिकेता ३६ ५-श्रीयमराज रे ३७ ६-महर्षि अज्ञिरा *** ४१ ७-महर्घि वदिष्ट *** ८-महर्षि पिप्पलाद ० . ५० ९-महर्षि विश्वामित्र *** ५१ १०-महर्षि गोतम ७५२ ११-महषि दधीचि ***. पु (१५ ) १३-मालिकका. दान- कवीरपर भगवानकी कपा कक 9 ३ श्‌ 5 १४-घधूलपर धूल--रॉका- बॉकाका वैराग्य *** ३१७ १ ५से १७-भगवन्नामका प्रभाव ३६० (१) उअजामिल (२). गणिका ( ३) वात्मीकि १८-१९-मद करत सो करत मलाई नक ० ( १ ) जगाई-मधाई- का उद्धार (२) दरिदासपर अत्याचार २०-सुखमें विस्दति; दुःख- में पूजा *** ४२० २१-सफलतामें सत्कार; असफलतामें दुत्कार ४२१ २२-२३-सतका सहज उपकारी स्वभाव * 'इ४० ( १ ) चन्दन-कुठार (२, सत-ब्रिच्छू २४-२५-भक्तोंकी क्षमा *** ४४१ ( १ ) प्रह्मादकी क्षमा ( २). अम्बरीपकी ध्तमा २६-भमजनका अधिकार * २७-भजन बिनु वरेल बिराने ५५१ संतोंके चित्र १२-महषि ढुवांसा **.... ५७ रेद्‌्१ ५५० ३-महर्षि माकंण्डेय *. (९ १४-महर्षि शाण्डिव्य... ***. ६० १५-महर्पि वाव्मीकि.... ”*”* ६१ १६-मह्दात्मा जडभरत . **”. ६३ १७-मदद्षि अगस्त्य स्स्ण् दुड १८-भगवान्‌ ऋषभदेव *”* ६५ १९-महर्षि पतज्ञलि ***. ७१ २०-भगवान्‌ कपिलदेव *”*” ७३ २१-महर्पि शौनक “**. ७३ २२-महपि वेदव्यास ७५ | | भ २८-भजन धिनु सकर जेसो ** ५६ २९से३ र-ग्रहस्य सतत... *** ( १ ) अत्रि-अनमूया (२) मद्दारान जनम ( रे ) तुलाधार वैथ्य (४). धर्मव्याथ ३ ३से ३६-विर्क्त संत *** ५७३ (१) महपि याज- वट्क्य (२, श्रीक्नूपभदेव (३ ) श्रीयुकदेव (४ ) श्रीदद्धराचार्य ३७-संतका मदत्त्य ( इसा- को द्यूली ) ** ६७८ ३८-संतकी महिमा (मन्पूरको यूही ) ** ६७८ ३९-महाप्रमुका ऊुप्ररोगीसे प्यार ** ६७१९ ४०-गंधीजीद्वारा छुष्टरोगी- की सेवा * ६७९ ७५८ ७५९, ४१-रोम-रोमसे राम **' ४र-दरि सदा कोर्तनीय ** (क) ठृणादपि सुनीचन (ख)नरोरिव सडिप्युना (ग)अमानिना मानदेन (घ) कीर्तनीय' सदा हरि! कुल--८ ४ २३-मुनि डाकदेव ** 2४ २४-महर्पि जेमिनि स्स्ण्' डे २५-मुनि सनत्सुजात *** टू २६-महददर्पि मुद्रल कि *** ट८ठ २७-महात्मा गोकण स्* रु २८-पुरागवक्ता सती २९-मनु महाराज श ३०-मक्तराज श्रव क ३ १-दडारणागतवत्सल दिवि ४ 5 २-मभक्त राजा अम्प्रीप श्र ३३-सत्यमिष्ट राजा दर्धिन्द्र १०६




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