समर्थ समाधान भाग 2 | Samrth Samadan Part- Ii
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10.05 MB
कुल पष्ठ :
401
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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प्रश्नाक पृष्ठाक
६४५४ आठ आत्मा मे रूपी और अरूपी कितनी *? १०७
६४५५ प्रत्येक गुणस्थान मे क्रमश ज उ कितने उत्पन्न
होते हैं ? की
९५६ प्रत्येक गुणस्थान मे समय-समय पर कितने जीव
पुर्व प्रतिपन्न पावे ? १०८
६४७ अभव्य जीव मे कितनी लब्धियाँ पावे * हो
£४५८ भ पाश्वंनाथ के साधु, भ. महावीर के नियम
पाले, तो क्या उनकी मोक्ष नही होती ? १०६
£५६ ज्ञानावरणीय आदि कर्मों के सम्बन्ध मे उदयादि
भावों की प्राप्ति किस प्रकार समझी जाय *
£६० एकेन्द्रिय आदि मे इन्द्रिय, प्राण, योग, उपयोग,
लेश्या, पर्याप्ति और शरीर कितने पावे ? ११०
६१ एक साथ १०८ सिद्ध कंसे हुए ? १११
९६६२ स्थावर जीव मुषावाद की क्रिया कसे करते है ?. ११५
६६३ प्रथम तीन चारित्रो मे वद्धमान परिणाम होते
हुए पडिवाई क्यो होते हैं ? सो
8६४ लोकपालो के विषय मे ही
६५ भोदारिक के अभाव मे चार शरीर को जीव कैसे
स्पर्शते हैं ?
श्श्३
९६६ पहिले देवलोक के ' उड़ नामक विमान विषयक ”
€ ६७ मोयपडिमाओ विषयक हे
€६८ ' जिन-प्रतिमा ' का अथे श्र
६६९६ “”जिनसकहाओ ” का मर्थ
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