समर्थ समाधान भाग 2 | Samrth Samadan Part- Ii

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Samrth Samadan Part- Ii by रतनलाल जोशी - Ratanlal Joshi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(१६) लि का कि ् हु री प्रश्नाक पृष्ठाक ६४५४ आठ आत्मा मे रूपी और अरूपी कितनी *? १०७ ६४५५ प्रत्येक गुणस्थान मे क्रमश ज उ कितने उत्पन्न होते हैं ? की ९५६ प्रत्येक गुणस्थान मे समय-समय पर कितने जीव पुर्व प्रतिपन्न पावे ? १०८ ६४७ अभव्य जीव मे कितनी लब्धियाँ पावे * हो £४५८ भ पाश्वंनाथ के साधु, भ. महावीर के नियम पाले, तो क्या उनकी मोक्ष नही होती ? १०६ £५६ ज्ञानावरणीय आदि कर्मों के सम्बन्ध मे उदयादि भावों की प्राप्ति किस प्रकार समझी जाय * £६० एकेन्द्रिय आदि मे इन्द्रिय, प्राण, योग, उपयोग, लेश्या, पर्याप्ति और शरीर कितने पावे ? ११० ६१ एक साथ १०८ सिद्ध कंसे हुए ? १११ ९६६२ स्थावर जीव मुषावाद की क्रिया कसे करते है ?. ११५ ६६३ प्रथम तीन चारित्रो मे वद्धमान परिणाम होते हुए पडिवाई क्यो होते हैं ? सो 8६४ लोकपालो के विषय मे ही ६५ भोदारिक के अभाव मे चार शरीर को जीव कैसे स्पर्शते हैं ? श्श्३ ९६६ पहिले देवलोक के ' उड़ नामक विमान विषयक ” € ६७ मोयपडिमाओ विषयक हे €६८ ' जिन-प्रतिमा ' का अथे श्र ६६९६ “”जिनसकहाओ ” का मर्थ




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