मुक्ताबली | Muktavali
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.8 MB
कुल पष्ठ :
84
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about राधास्वामी ट्रस्ट - Radhaswami Trust
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)र
राघाखामी गुरु समरत्थ,
तुम बिन और न दूसरा ।
अब ' करो दया परतक्त ,
तुम दर एती बिलव क्यों ॥ ७9 ॥
॥ दोददा ॥
दया करो मेरे साइयों,
देव प्रेम की दात ।
दुख सुख कह ब्यापे नहीं,
छू सब उत्पात ॥ ८॥
न शब्द (६)
दर्शन केसे पाऊँ घट में,
यह तो बात कठिन अति भारी । टेक ।
सतसँग कहूँ नेम से निप्त दिन
गाऊँ महिमा चरनन छिन दिन,
१' प्रकट'। २ ' देर ।' ३ साड़ा, कष्ट । ४ भ्रन्तर में
User Reviews
No Reviews | Add Yours...