वक्त-ए-जिंदगी | Waqt-E-Zindgi
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.3 MB
कुल पष्ठ :
136
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
नाम- आशीष कुमार शुक्ल पुत्र श्री शोभा शंकर शुक्ल एवं श्रीमती हीरावती शुक्ला
जन्म – २१ - अगस्त – १९९०
जन्म स्थान - ग्राम - हरीपुर, पोस्ट- अभियां, जिला- भदोही
(२२१४०४) उत्तर प्रदेश
कार्यरत : (रसायन विभाग) डी.ए.वी. महाविद्यालय,
सेक्टर - १०. चंडीगढ़
आदर्श : प्रोफेसर के. एन. पाठक (पूर्व उप - कुलपति पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़)
Mobile No.: 9878 53 7472
E-mail - [email protected]
सलाहकार : मयंक भूषण पाण्डेय (डी.ए.वी.चंडीगढ़)
वह अपने दादा पंडित श्री चंद्रबली शुक्ल के साथ सदैव धार्मिक कहानी सुनकर समय व्यतित करते थे| कवि जी इस समय डीएवी महाविद्यालय, चंडीगढ़ में कार्यरत हैं। वह अपना आदर्श
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्री गणेशाय नमः मेरी यह काव्य संग्रह वक्त ऐ जिंदगी मेरे पूज्यनीय दादा स्वर्गीय पं. श्री चन्द्रबली शुक्ल को समर्पित है जो हमेशा ही धार्मिकता व नैतिकता की शिक्षा देते रहे है
लेखक की कलम से कविता जीवन की एक ऐसी सारथी है जो हमें एक नई दिशा, नई सोच व मन को अधिक ऊर्जा देती है कविता मन की भाव होती है जो एक लेखक के भाव को उसके संदेशो को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में सामने रखती है।
लेकिन यहाँ यह भी कहना उचित होगा कि कविता के शब्दों को पिरोकर उसके कई अर्थ निकाले जा सकते है यह पढ़ने वाले के भाव पर निर्भर करता है कुछ कविताएं अपना अर्थ सीधा-सीधा प्रकट कर देती हैं लेकिन कुछ कविताओं के भावार्थ छिपे होने के कारण उसके कई अर्थ निकाले जा सकते है कि एक कवि क्या कहना चाह रहा
___मुझे बचपन से ही कविताएं व लेख लिखने का शौक रहा है जब भी कभी मन उदास होता है या फिर समाज के किसी हिस्से को देखता हूँ तो अचानक मेरे मन का भाव कविताओं व लेखों में तब्दील हो जाता है और मै लिखने बैठ जाता हूँ जिससे मेरे मन को शान्ति मिलती
एक दिन मै पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व उप - कुलपति प्रोफेसर के.एन. पाठक की जीवनी पढ़ा और मैं उनके संघर्षपूर्ण जीवनी से काफी ओतप्रोत हुआ जो मुझे एक प्रेरणा दे गई फिर मैने कलम उठाई और 'अपनी मंजिल' शीर्षक नामक कविता लिखी।
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