कविता संकलन - शिवराज आनंद | Kavita Sankalan - Shivraj Anand

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शिवराज आनन्द - Shivraj Anand

साहित्यिक नाम- शिवराज आनंद
मूल नाम - शिव कुमार साहू।
माता - श्रीमती पार्वती साहू ,
पिता - श्री विश्वनाथ साहू।
जन्म - 1987 में सूरजपुर एवं रामानुज नगर के सीमावर्ती क्षेत्र ग्राम सोनपुर के एक कृषक परिवार में । आपको हिंदी बहुत ही प्रिय है। आप साहित्य प्रेमी हैं।

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं, वो जीना जानते हैं | ना जख्मों को सीना जानते हैं || तुम उन्हें भी अपना लो |प्यारे तुम मेरी बात मान विश्व बंधुत्व का भाव लेकर, जन- जन से बैर भाव छोड दो | "यहा उनका भी दिल जोड़ दो" || हम सब के ओ प्यारे, किस कदर हैं दूर किनारे। जीत की भी क्या आस रखते हैं मन मारे ? ये मन मैले नहीं निर्मल हैं, सबल न सही निर्बल हैं, समझते हैं हम जिन्हें नीचे हैं, वे कदम दो कदम ही पीछे हैं, जो हिला दे उन्हें ऐसी आंधी का रुख मोड़ दो | यहाँ भी दिल अपने दिल से जोड़ दो ||




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