कविता संकलन - शिवराज आनंद | Kavita Sankalan - Shivraj Anand
श्रेणी : काव्य / Poetry
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
200 KB
कुल पष्ठ :
4
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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साहित्यिक नाम- शिवराज आनंद
मूल नाम - शिव कुमार साहू।
माता - श्रीमती पार्वती साहू ,
पिता - श्री विश्वनाथ साहू।
जन्म - 1987 में सूरजपुर एवं रामानुज नगर के सीमावर्ती क्षेत्र ग्राम सोनपुर के एक कृषक परिवार में । आपको हिंदी बहुत ही प्रिय है। आप साहित्य प्रेमी हैं।
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं,
वो जीना जानते हैं |
ना जख्मों को सीना जानते हैं ||
तुम उन्हें भी अपना लो |प्यारे तुम
मेरी बात मान विश्व बंधुत्व का भाव लेकर,
जन- जन से बैर भाव छोड दो |
"यहा उनका भी दिल जोड़ दो" ||
हम सब के ओ प्यारे,
किस कदर हैं दूर किनारे।
जीत की भी
क्या आस रखते हैं मन मारे ?
ये मन मैले नहीं निर्मल हैं,
सबल न सही निर्बल हैं,
समझते हैं हम जिन्हें नीचे हैं,
वे कदम दो कदम ही पीछे हैं,
जो हिला दे उन्हें ऐसी आंधी का रुख मोड़ दो |
यहाँ भी दिल अपने दिल से जोड़ दो ||
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