नाट्यकविता संग्रह | Natyakavita Sangrah
Book Author :
Book Language
मराठी | Marathi
Book Size :
60 MB
Total Pages :
340
Genre :
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व्यान ॥ आजवरां भाह्मा जाण ॥ २९ ॥ भवब्रघने तुटाया ॥ ध्यान
तुझं दवराया ॥ ३ ॥ नटवुना नाना वष | ग्राऊ तुझ्यारे लीलेस | ४ ॥।
[विष्णदास ह्मण दवा ॥| हत माझा पणं व्हयझ ॥ % ||
॥ अभग ३ ॥
सत्यसत्व प्राहू छळी भगवान ॥ अती सां लागून सुख देत ॥ १ ॥
शुद्धभावे ज्यांणीं हरी आकळीला ॥ स्तरये दास्य त्यांचे अंगीकारी ॥२॥
आहे सद्हरी भावाचा भूकेला ।॥| कदां अतरय्यांनतो देयी ॥३ ॥
[विष्पूदास झ्मणे स्मरा हरीप्राय.|॥ तेण सद्य होय दास तुमचा ॥ ४ ॥
॥ अभग 9 ॥
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