मानव धर्म संहिता | Manav Dharm Sanhita

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Manav Dharm Sanhita by शांति विजय - Shanti Vijay

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_ सूचीपत्र. _ २८ जि 0 €२_ इ ५_ दुनियाके मतमतांतर-( ध्भतस्व-प्रदश्षिनी)- ७४९२७२७ जेन-बोध-सांर्य न योग-मीमांसक-नेयायिक-वेशेषिक-( आयेदे- शीय मतमतांतर-)मसल्मान-ओर-इशाइयॉके धर्मपस्तकका सार-(अनायंदेशीय मतमतांतर-) का[छ.-स्वभाव-नियति-उद्यप-और-कमेवादी- का बनेन-ज्ञानावरणीय वगेरा आठतरहके द- मोका बयान-चौदहवाक्यरत्न, .... .... .... ६--मकसीतीथके मेनेजर-भाउसाहबके सवालांका- । जवाब-( कलंकीका वयान-ओर क्षयदृद्धिति- )७९७-८०१ थिका निणेय. )- ७- जेनका संक्षिपरतिहास-ग्रंथकी पूर्णता, ८०४-८१९ तच. बळा व न नमक चि -( तरंग पाचवेका बयान. ) '१._धमे-.अ्थे-काम-ओर-मोक्ष,:......................... ८१७८२४ 39 जिनप्रतिमाका समवतुरसानाप-मूळनायक प्रतिमा अचळरखना-उनकी दृष्टि-दरवजेके कोनसें भागपे रहना ठीक-घरदेरासर की विधि-जिनमंदिरमे घंटानाद-और दिखरपर ध्वजा रखनेके फायदे हल७७ ७6७6 $$ मि००७ ३७७७ १४6 इ७ ७७ डै* ०३8 ४36२ ३७७ 8 चस




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