व्युत्पत्ति प्रदीप | Vidyutpattipradeep

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Vidyutpattipradeep by गोविंद शंकर शास्त्री - Govind Shankar Shastri

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व्युत्यक्तिप्रदीप. ७ उपसग. ञ्‌थँ उदाहरण. का ० “६ की ७ 29 0७ १० ९१ २ हु १६३ श् ९ टर रद १७ ९८ ९९ २० १ २२ लि ! आचिक्य, अतिशय, अतिरिक्त, उल्लंघन. अतिक्रम. अधि-- वचेस्व--- अधिकार र साहित्य--- अनुसरण, अव्करण साइइय उ अप-- न्यूनत्व-- अपक्े. अपि-- आवरण--- आपिघधान ( आच्छादन ). अभि-- सामीप्य--- अभिगम. र अव--- न्यनृत्व--- अवमान लि ॥ वैपरीत्य (डलटपणा), गमन (जाणे), आगमन (येणें ), दान (देणें), आदान (घेणें ) अच दो उत्‌-- उच्चत्व-- उद्गम, उत्पतन. उपगम. उप-- सानिध्य दुर्‌, --ि वा कीत ह 2 (निंदा, काठिन्य-दुगेति, दुगम. नि-- राहित्य--- निषेध निर्‌ निसू्‌ परा-- वेपरीत्य--- पराजय; पराभव. परि-- आसमंतात- परिवार, पर्यटन. प्र--- आधिक्य-- प्रक, प्रभाव. प्रति--- पुनः--- प्रतिवादी वि-- दट्ररत्ब-आधिक्य-वियोग; विशेष मू---एकत्र, साधुत्ब-संयोग, संगम, संधि, संस्कार. सु-- सौख्य-- सुगम, सुलभ, सुकर. । अभाव-- निःशेष.




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