हिन्दू बनाम हिन्दू | Hindu Banam Hindu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.83 MB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ११ )).
गाँधी जी की हत्या को कटरपथी उदार हिन्दुत्व के युद्ध
की एक घटना के रूप में रखेंगे उन सभी पर झमियोग
लगायेंगे . जिन्हें वर्णों के. खिलाफ झौर खियों के हक में; सम्पत्ति
के खिलाफ और सहिष्णता के हक में, गाँवीजी के कामों से गुस्सा
आया था, तव शायद हिन्दू धर्म की निष्क्रियता और उदासीनतों
नष्ट हो जाय ।
व तक हिन्दू धर्म के झन्दर कट्टर उदार एक दूसरे से
जुड़े क्यों रहे और अभी तक उनके वीच कोई साफ और निर्णायक
लड़ाई क्यों नहीं हुई, यह. एक ऐसा विषय है जिंस पर भारतीय
इतिहास के विद्यार्थी खोज करे' तो वड़ा लाभ हो सकता है । अब
तक हिन्दू दिमाग से कट्टरता कभी पूरी तरदद दूर नहीं हुई इसमें
कोई शक नहीं । इस कगड़े का कोई हल न होने के विनाशपूण
नतीजे सिंकले, इसमें भी कोई शक नही । जव तक हिन्दुओं के
दिमाग से बण भेद बिल्कुल ही खतस नहीं होते, या ख्री की
बिल्कुल पुरुष के बरावर ही नहीं माना जाता, या सम्पत्ति आर
व्यवस्था के सम्बन्ध को पूरी तरद तोड़ा नहीं जाता तव तक,
कट्टरता भारतीय इतिहास में अपना विनाशकारी काम करती
रहेगी और उसकी निष्क्रियता को कायम रखेगी। अन्य, धर्सों
की तरह दिन्दू धर्म सिद्धान्तों और वँधे हुए नियमों का धर्म नहीं
है. बल्कि सामार्जिक संगठन को एक ढंग है, और यहीं कारण
है. कि और कट्टरता का. युद्ध कभी संमाप्ति तक नहीं
लंड़ी गया और श्रह्मण-चनिया मिल कर सदियों से देश पर रंच्छा
या चुरा शासन करते आये हैं जिसमें कभी उदार वादी उपर रहते
किट नव बिक करे नानी
-हैं-कभी कट्टर पंथी |
उन चार सवालों पर केबल उदारता से काम न चलेंगा |
झन्तिम रूप से उनका हल करके हिन्दू दिमाग से इस कगड़ को
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