प्राक्रतिक चिकीत्सा प्रश्नोत्तरी | Prakratik Chikitsa Prashnottari
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda, स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.14 MB
कुल पष्ठ :
86
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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पतनी तेन्न चीजों के ब्यब्रद्दार से भी पॉत कमजार हो जाते द
फ्या कि उन्हें व्यायास नहीं होती--मुख के सभी राग, ढत रोग,
छाले मिटाने के लिए चिकना मिट्टी च नीम धयूल '्रादि से
गेज दतुन करके दौनों व जीभ को स्गफ़ करना 'त्यन्त
आवश्यक मज्नन हानिकर हूं जितने भी सजन घलावटी
चल रहे हूँ वे दातों की दुवाइया उल्टे ढतों का सराच करते
टू माटा ग्याना 'बादिए ताकि जाए थे दाहों का खुच कसरस होती
रहे--जिन्हें हो सेवा यथा शक्ति खाना चादिए और
चाय, सीठा आदि कभी न लेना 'चाहिए, कभी उपवास कभी
फलादार पेट की सफाई के लिए करना चादिए--सफेर चीनी
खाना छोड़ देना चाहिए, इस के श्रजाय पिंढ जजूर शहद जीर
ग्वाना ठीक है । चाजारु मिठाइयाँ, गरम चाय, चरफ; तेल मिरच
घ नमक्रीन चीजें, पतली थीजें छादि खाना व पीना बद कर
दुना चाहिए । हे
बे सभी चीर्जे जो आाग मे पकती हूं, नरम 'वीजें छादि से
परहेज रखना 'चाहिए भोजन मोटा हो खुद 'चचा कर धीरे २
खाना चाहिए ताकि दाँत मजबूत वने रहें; गरमागरम 'अझन्यन्त
बडी चीज खाने चाले के दति जल्दी गिर जाते,हैं, वहुत ब्यादी
दिलते हुए कष्ट दायक दातों को 'तो उखडवा देना दी इचित टै,
घाफी यचे हुओं की रक्ता प्राकृतिक, उपायों से करें, छात्नों को
मिटने के लिए एक सप्ताद से लेकर एक माह तक केवल फत्तों का
रस पीकर दी रदना चाहिए, सिट्टी के पानी से कुछ भी रोज करना
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