वैधस्थ भूषण | Vaidhhast Bhushan
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14.18 MB
कुल पष्ठ :
362
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ५ |
तोला, मुनकका बीज निकाले हुए १० तोला, 5 मारी
शुद्ध अफीम लेकर आदपाव पानी में घोले और ऊपर
की सब दवाई मिलाकर आग पर गरम करे जब गोली
वंधने लगे उतार कर तीन २ माशे की गोली बना शुन-
गुने दो घूंट पानी से १ गोली सुवंद को खादे ।
२--ऊदसलीव को गले में वांधने से भी मुगी दूर हो
:.. जाती है ।
३--दुधि या बच का चूरन ९ माशा शहद में मिलाकर
प्रतिदिन चाटे ।
४--उछशोक के पत्तों के रस में समुद्र फल घिसकर
नास देवे
प--इरीहस्तिशु डा (तुलसी की तरह पत्तोवाला वृक्ष होता
है जिसके ऊपर हाथी की सूंड की तरह लटकती है)
घर हरी नकछिकनी बूंदी का स्वरस आठ २ आना
भर मूढों के समय नाक में भरे ।
६--झअकरकरहा|- छोटी हर ५ छेकर; (१॥सेर सिरका
में भिगोदे ७ दिन वाद निकालकर पीसले तीनपाव
शहद में मिलाकर रखले, २ माशा हर रोज खावे ।
७--नारियल दरयाई १ चावल पानी में घिस कर
पिलावे दूसरे दिन-जदवार खताई ३ रत्ती घिस कर
पिलावें १ दिन नारियल, दूसरे दिन जदवार हेढ़
महीने तक पिलावे ।
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