ब्रह्म प्रकाश | Brahm prakash

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हैँ. है हे र२३--न्रह्म झर्थ मादूम किया कि इजमें कितने देवता श्रर्थ इ आर इससे बनते हैं । २४--सनातन (सनातन धरम ) संयोग-संध्या-संध्या ाड्रेजी शब्द के छाथ कस्तानःकृष्ण-शंकर शब्द का छथं मादल किया है। इस यन्त्र की मददिमा की कोई गिनती नद्दीं कर सकती हे अपार मदिमा हे । यन्त्र का वरणन श्रोर उसका नाम १--उइस यन्त्र का नाम धर व. यन्त्र परबहा चाल ब्र्मचयं चानचय न्नह्टयन्त्र योग्य वाशिष्ट यन्त्र पारत्रह्म . दशंन करने का यन्त्र संसार का अदूभुत ज्योतिप विद्या का चसत्कारी यन्त्र रथ सामुवेर यन्त्र है । हे ९--मद्देश या.शिव यन्त्र दृद्धविष्णु यन्त्र सूरज प्रथ्वी चाँद उची शव यन्त्र उाथ वे द.-. ज ३--चिष्णु यन्त्र तरुण अवस्था भंगवान यन्त्र सूरज प्रथ्थी पद दक्षिणी श्रव यन्त्र अथ॑ यजुरवेद यन्त्र हो । ४--त्रह्मयन्त्र सप्तऋषपी यन्त्र बाल अवस्था यन्त्र झथं (ऋषन् वेद यन्त्र ) इसी यन्त्र से सातों दिनों के नाम तरतीब बार रक्खे गए हैं कं ४--पारनरद्म यन्त्र रा्र केतू यन्त्र वेद यन्त्र कदते हैं. झौर इसका सूर्ययन्त्र भी नाम द (झ व सद ) कच्छ रूप या कच्छ यन्व हैं (ल दम व) मच्छु रूप या मत्स तार यन्त्र है। ( फशन-व ) सूरज एथ्वी घ व अझथराम-यन्त्र है इस नन्त्र में वायु के चलने आर उसके चाल का रुख गदलने का कारण प्रथ्यी के




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