निरुक्त कोश | Nirukta Kosh 1984 Ac 5798
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.32 MB
कुल पष्ठ :
396
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about साध्वी सिद्धप्रज्ञा - Sadhvi sidhpragya
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ७ )
अयें में भिनतता है, उनका अवुक्तभ अलग-अलग है, जेसे--चादाण (१७६),
आदाथ (१५८०), आयाण (२१०), जआायाथ (२११) गादि । एक ही तारा
के अनेक शब्द, जिनका प्राकृत और शंस्कृत रूप सिस्त-भिनत हैं, उनका अतुकम
भी एक साथ नहीं है, जैसे--जरिह (बहूँतु), अरहंत (अरयान्त), आवस्सभ
(नोचश्यक) , आवासय (आवासक) भादि ।
निसक्त कोश को समृद्ध बनाने की दृष्टि से पाद-टिप्पणों में अनेक
निरुकतों का समावेश किया गया है । मूल अंधे को स्पष्ट करने के लिए यत्र-
तत्र आगम के व्याख्या प्रन्थो के संदर्भ हिन्दी अनुवाद सहित दिए गए हैं,
जैसे--आयरिय, आवासय, मासायथा आदि । आमम व्यास्या प्रस्थों के अति
रिक्त इस प्रन्थ में संस्कृत, पाली के अनेक कोशों तथा व्याकरणों का उपयोग
पाद-टिप्पण मे किया गया है । भूल निरुक्त के संवादी तथा भिनतार्थ वाले
अस्यान्य निसकतों का नतिदेश किया सया है । अर्थ की स्पष्टता के लिए अनेक
स्थलों मे घातुओं का निर्देश भी है ।
निरुक्तों के प्रकार
वैदयाकरणाचायों ने निरुक्त के पांच प्रकार बताए हैं । वे सभी प्रस्तुत
शथ में सोदाहरण उपलब्ध हैं, यथा--
१. बर्णागम--वे तिरुक्त जिनमें वर्ण का आगम होता है। यथा--
हुस । 'हसतीति हसः ।'
वर्णविपयंय--वे निसक्त जिनमे वर्ण का विपर्यय होता है । यथा--
सिंद् । 'हिंनस्तीति सिंह: ।'
बर्णविकार--वे निरुक्त जिनमें वर्ण में विकार उत्पन्न होता है
यथा--विपाक । 'विपचन विपाक: ।'
४ वर्णनाश--वे निरुक्त जिनमें वर्ण नष्ट होते हैं। यथा--ओदन ।
उदत्ति तमिति ओदतम ।
. धात्वर्थातिशय--बे निरुक्त जो धातु के अं की विशिष्टता प्रकट
करते हैं । यथा--श्रमर । “प्रमति च रौति च ज्ञमर: ।'
उपर्युक्त वर्गीकरण के अतिरिक्त प्रस्तुत कोश में संग्रद्दीत निरुक्तों को
खार भागों में विभक्त किया जा सकता है--
है. व्युस्पत्तिजन्य
२. पारिभाषिक
ल््
न्श
श्र
User Reviews
No Reviews | Add Yours...