मौर्यकालीन भारत | Mourya Kaleen Bharat
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.33 MB
कुल पष्ठ :
284
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about कमलापति तिवारी शास्त्री - Kamlapati Tiwari Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)७ के दर्शक नासक राजा के राज्यासीन देने का वर्णन पुराणों में मिलता है । पर इस राजा के विषय सें अभी तक ऐतिहासिकों के सम्मुख कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं हुई है। अस्त इसके बाद अजातशनत्रु के पौत्र उदयिन का वर्णन सिलता है । पाटलिपुत्र की स्थापना ही इसके जीवन-काल की एक विशेष घटना थी । झजातशत्रु के बाहुबल द्वारा बह्दद साम्राज्य उपा- जिंत हो चुका था। इसके उपर्रात इन लोगों के लिये कोई विशेष काय्ये झवशिष्ट न था । अस्वु । इस वंश का अंतिम राजा मद्दानंदि छुआ । इसकी सूचना हम लोगों का केवल पुराणों के द्वारा मिलती है । इसके विषय में अधिक ज्ञात नहीं है। इसकी एक शूद्रा रानी के गर्भ से उत्पन्न महापद्नंद नामक एक राजकुमार था जिसने अपने पिता के विरुद्ध बगावत का भँडा उठाया श्रार जबरदस्ती मगध-साम्राज्य का सिंहासन छीनकर झाप राजा बन बैठा | सहापद्धनेंद बड़ा प्रतापशाली श्रार बलवान शासक था | सिकंदर के आक्रमणकात में यह भारतवर्ष के पूर्वीय साब्राउ्य का शासक था । इसने सिकंदर का सामना करने की तैयारी की श्रौर एक बलशाली सेना लेकर उसके आक्रमण की रोक करने के लिये प्रयाण भी किया था । पर सिकंदर पंजाब के आप सहाव श में झजातशत्नू के बाद चार राजाओं का वन है परंतु वह संदिग्ध है। सँं०
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