गुप्त भारत की खोज | Gupt Bharat Ki Khoj
श्रेणी : इतिहास / History, समकालीन / Contemporary
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
43.67 MB
कुल पष्ठ :
504
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
डॉ. पाल ब्रन्टन - Dr. Pal Brantan
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वी. वेंकटेश्वर शर्मा - V. Venkateswara Sharma
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाकथधन लेखक --सर् फ्रांसिस यंगहस्बेंड के० सी० झाई० ई० के० सी० एस० ब्याई० सौ० आई० ई० इस पुस्तक का नाम यदि पवित्र भारत होता तो बहुत ही उचित होता कारण कि यह वणुन उस भारत की खोज का है जो पवित्र होने के कारण ही गुप्त है। जीवन की श्रति पवित्र बातें कभी साधारण जनता के सामने प्रदर्शित नहीं की जातीं । मनुष्य का सहज स्वभाव ही कुछ ऐसा है कि वह ऐसी बातों को श्रपने ही श्ंतरतम तल के निगूढ़ कोघागार में ऐसी सावधानी के साथ छिपाए. रखता है कि शायद दी किसी को. उनका पता लग पाता हो । उनका पता लगा लेने वाले वे ही थोड़े से व्यक्ति होते हैं जिनको श्राध्यात्मिक विषयों की सच्चे लगन होती है । व्यक्ति के समान ही किसी देश के विषय में भी यह कथन पूर्ण रूप से लागू होता है । कोई भी देश श्रपने पवित्रतम विषयों को गोपनीय रकक््खेगा । किसी भी श्रजनवी के लिए. यह पता लगा लेना सरल नहीं है कि इंगलैन्ड अपनी किन बातों को सब से श्रघिक पवित्र समकता है । यही बात भारत के सम्बन्ध में भी ठीक है । भारत का श्रत्यन्त पवित्र अंग वही है जो श्रत्यन्त गुप्त है । गुप्त विषयों की खोज करना बड़े परिश्रम श्रौर लगन का काये है फिर भी सच्ची खोज करने वाले को श्रंत में उनका पता लग ही जायगा । जो पूरणण मनोयोग श्रौर सच्चे संकल्प के साथ खोज के काय में लगते हैं वे भ्रंत में सफल ही होते हैं । भरी ्न्टन की लगन इसी प्रकार की थी और दे शंत में सफल ही हुए । उन्हें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा . कैयोंकि और देशों की भ्ँति
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