राजपूताने का इतिहास जिल्द - ३, भाग - ३ | The History Of Rajputana Jild - 3, Bhag- 3

The History Of Rajputana Jild - 3, Bhag- 3 by डॉ. गोरीशंकर हीराचन्द ओझा : Dr. Gaurishankar Heerachand Ojha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय पूछाडू सिंद्दा ढक ७ 4क# कक कक २१८ राज्यप्राति कर हक हे शश्८ मद्दाराणा झमरसिंद का मद्दारावत के लिए टीका भेजना ११६ बसाड़ श्र अरणोद परगने का फ़रमान कुंचर करुरसिंदद के नाम होना... कक १२० मद्दाबतखां का देवलिया में जाकर रद्दना मेक १२१ मद्दारावत सिंदा का परलोकवास दम १२३ मद्दारावत की राणियां श्रौर संतति १२४ मद्दारावत का व्यक्तित्व दो तक १२६ ज़सबंतसिंदद के ते करन १२६ राज्य-प्रात्ति कक हर रद उदयपुर के मद्दाराणा जगतर्सिह ( प्रथम ) से मद्दारावत का विरोध दोना बैड १२७ महाराणा जगतर्सिद्द का मद्दारावत को उदयपुर में बुलाकर मरवाना १३० महारावत की सन्तति झादि + १३८ दरिखिंह कर का कक कक १४१ राज्यप्रात्ति की हम नर १४१ मद्दाराणा का देवलिया पर सेना भेजना शक १४१ मद्दारावत का शादी सेना के साथ जाकर देवलिया पर घ्प्रघिकार करना थ केभ १४३४ मद्दारावत को शादी दरबार से खिलश्रत श्ादि मिलना २४६ मद्दारावत की शाइज़ादे मुराद के साथ नियुक्ति १४८ शाइज़ादे दाराशिकोद्द श्मौर मुराद का मद्दारावत को व्य्रपनी-अपनी तरफ़ मिलाने का प्रयत्न करना श४९ दाराशिकोद्द को परास्त कर शाहज़ादे मुराद का महाराघत को सुखेरीखेड़ा देमा नेक १४२




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