कृष्ण - काव्य में सौन्दर्य - बोध एवं रसानुभूति | Krishn - Kavya Main Saundarya - Bodh Ev Rasanhbhuti

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Krishn - Kavya Main Saundarya - Bodh Ev Rasanhbhuti by डॉ. मीरा श्रीवास्तव - Dr. Meera Srivastava

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न है न (१४) उरोज--कमल कमलकली चक्रवाक स्तवक कलश श्रीफल हेमगिरि णंभु जि (१५) रोमावली--यमुना शुड दौवाल ७९ हे (१६) नाभि--हृद ७९... . (१७) कटि--केहरि-लंक ७9९ (१८) अधोदेश (नितंब जंवा जानु) रंभा जलचर ८० (१९) चरण--कंज चंद्र पल्‍्लव ८० (२०) गमन--करिणी हंसी मोरनी मृगी ८ कृष्ण नसर्गिक रूप ८ (१) केशा--स्निग्ध निविड़ कोमल काले कुंचित ८२ (२) मूकुटि--कटीली वंक विकट ८ (३) नेत्र--विश्यालता रंग कमल मूंग खंजन मीन चकोर ट् (४) नासिका--चंपकली तिलप्रसुन शुक ८७ (५) कपोल--कांति मोहिनीशक्ति ८८ (६) कर्ण क ८९ (७) अधर--कोमल सिन्दूरारुण बिम्बफल बन्धूक पुष्प विद्रम ८९ (८) दन्त--दाड़िम मुक्ता कुंद बज दामिनी चांदनी टिका (९) चिबुक ९ (१०) ग्रीवा--कंबु कपोत ९ (११) भुजा--विशाल दंड सर्प ९३ (१२) वक्ष--विशाल विशवद उच्चत ९३ (१३) रोमावली--अलिपंक्ति घूस्रघार यमुना ९३ ( १४) अधोदेश--कटि नाभि नितम्ब उरु जानु + ४ ्् (१५) चरण ९५ _ (१६) गमन के ९६ _ नसगिक-सोंदर्य के अन्य सत्व अर शक ९७ (क) वर्ण एक -(ख) लावष्य मघुरता सुकुमारता युति कांति आदि रे ९८. .. .... झालेपन--चन्दन कस्तुरी कुकुम कपूर पुगंधित-तैछ इत्र... हद दम रू ०० _. मेडन -श्रीकृष्ण का मंडन--मोरचन्द्रिका केश-पुष्प भाल-तिलक धातु-चित्र मालायें ०२ श्रीराघा (गोपियों) का मडन-केश-केशसुगन्धि पुष्पद्र सी मंत-सिंदूर भाल-तिलकबिन्दु १०६ पर ..... नेत्र-अंजन अघर--ताम्बल पत्रावली मेंहदी चरण--जावक........... | फ ........... पैरत्र-कष्ण के वस्त्र-पाग कुछही पिछौरी उतरना दुकूल बागा जामा सूथन इजार पीताम्बर इन्द्र




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