शिक्षा सिद्धान्त एवं दर्शन | Shiksha Siddhaant Evm Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18.48 MB
कुल पष्ठ :
180
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शिक्षा के उद्द दय १७ मुसलिम शिक्षा भी घ्म एवं नेतिकता से प्रभावित थी । मसजिदों में स्थापित मकतबों में कुरान हदीस गुलिस्ताँ बोस्तां को हिफ्ज़ (कंठस्थ) करना एवं हाफिज के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर तरबियत ( विनय ) सीखना तथा इब्म+# श्र इरफान 1 प्राप्त करना उनकी शिक्षा का मुख्य उद्द दय था । इत्म केवल साधन था इरफान प्राप्ति सखच््य मुश्ररिफ को ही ईश्वर मिलते थे । अत मुस्लिम शिक्षा का ध्येय ऐसे नेतिक व्यक्तियों का निर्माण करना था जो इस्लामी नियमों एवं परम्पराओओं का पालन करते हुए जीविकोपा्जन हेतु हाफिज काजो धर्मापदेशक एवं सफल राजकीय पदाधिकारी हो सकें । वेदिक वौद्ध अथवा मुस्लिम शिक्षा-दर्शन एवं व्यवहार में धर्म तथा नियम की प्रधानता थी । वेदिक-त्राह्मण बोद्ध-भिल्लु एवं श्ारिफ ने इस भौतिक जीवन को असत् जगत को क्षणभंगुर माना । इससे मुक्ति मोक्ष पाने अथवा इईंद्वर से साक्षात्कार करने के हेदु शिक्षा का प्रयोग किया । अत भारतीय शिक्षा अधिक दिनों तक एकांगी रही श्र शिक्षा-उद्द इ्य वालहित-भावनांशूल्य श्रमनोविज्ञानिक एवं अवेज्ञानिक था | प्राचीन स्पार्टा ने झांतरिक विद्रोह एवं बाह्य आक्रमण से राज्य को सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा का झधिकाधिक प्रंयोग राज्य के प्रत्येक व्यक्ति में शौय पराक्रम साहस एवं शारीरिक बल उत्पन्न करने के लिए किया । खेल-कूद कसरत एवं शरीर-रक्षा-संबन्धी कठोर नियमों द्वारा शरीर को बलिष्ट बनाने के लिए बालकों को बाध्य किया । इनकी शिक्षा का उद्द दय शारीरिक विकास था । प्लेटो ने भी बालकों के शरीर को स्वस्थ एवं बलवान बनाने के हेतु जिमनास्टिक आ्रादि खेलों को पे क इत्म न पराविद्या ज्ञान | 7 इरफ़ान - झ्परा विद्या आत्मज्ञान ( मुझरिफ़ - आत्मज्ञानी ह
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