बहाउल्लाह और नया युग | Bahaullha Aur Naya Yug-1
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
48.08 MB
कुल पष्ठ :
395
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. जे. ई. एस्स्लेमोंट - Dr. J. E. Esslemont
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६ वहा उल्लाह और नया युग आने लग गया है। हम आकादा में उड़ने और समुद्र में यात्रा करने लग गये हैं । हम विजली के वेग से संसार भर में चारों ओर सन्देश भेजने लग गये हैं। थोड़े ही वर्षों के अन्दर हमने सेनिक वल की दुधष स्वेछाचारिता का पतन ख्रियों का सब व्यवसायों में प्रवेश जहां से उनका प्रवेश बन्द था प्रवेश होना और बड़े बड़े देशों के जनसमुदाय का झराव का त्याग तथा सब राट्रों का संगठन 1.628०6 ०0. 9005 का जन्म जो भविष्य में स प्राम को रोकने का शुभ प्रयत्न कर रहा है आदि अनेक अद्भुत चमत्कारों को जिन का गिनना कठिन है अपनी आंखों से देख लिया है । 6 स् 6 सचाइ का सूय संसार भर में इस जागृति का क्या कारण है ? बहाइयों का विश्वास है कि लगभग एक शताब्दी पहले इंरान में जन्म धारण कर के उन्नीसवीं सदी के अन्त में पवित्र घाम को सिधारने वाले महात्मा (पेंगम्बर) बहाउललाह के द्वारा जिन पवित्र विचारों के एक महान् प्रवाह का प्रचार हुआ था बहदी इस जागृति के कारण हैं .. महात्मा बहाउल्लाह ने उपदेश दिया है कि जिस प्रकार सूय भौतिक सृष्टि पर प्रकाश डालता है इसी प्रकार पेगंबर या अवतार आध्यात्मिक संसार को प्रकाशित करते हैं । जैसे भौतिक सूर्य पृथ्वी पर प्रकाशित होता है और भौतिक अज्ञों की बृद्धि और विकास का कारण होता है ठीक उसी प्रकार इश्वरीय आत्मा के आविभांव से सत्य के सूय का सारे जगत् के हृदयों और आत्माओं पर प्रकाश पड़ता है और उससे मनुष्य मात्र को विचार चरित्र
User Reviews
No Reviews | Add Yours...