उद्योग और रसायन | Udyog Aur Rasayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
61.34 MB
कुल पष्ठ :
501
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२ उद्योग और रसायन की कृत्रिम व्यवस्था करनी पड़ती है जो वांछित फसल के लिए आवइयक हैं। रसायनज्ञ एवं कृषि का यही प्रथम संबन्ध है। उर्वरक--किन्तु प्रकृति सर्वेथा हमारे विरुद्ध है ऐसा कहना भी ठीक नहीं क्योंकि धरती माता हमारे प्रयासों का सुन्दर फल भी हमें देती है। वह तो पशु एवं मनुष्य के लिए खाद्य की उपज को पूर्णरूपेण विकसित करने के लिए विज्ञान को एक असीम क्षेत्र सुलभ करती है। रसायनज्ञ मिट्टी की परीक्षा करके उन साधनों को खोज निकालता है जिनसे वह धरती की उर्वरता उन्नत कर सके। इसी प्रकार वह अनुपजाऊ भूमि को उपजाऊं बनाने में सफल होता है। यहाँ यह बताना आवश्यक है कि प्रयोगशाला की परीक्षा किसी मिट्टी के अध्ययन का केवल एक अंग है क्षेत्रावलोकन (फील्ड आँब- जर्वेशन) भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उसको ध्यान में रखकर रासायनिक विद्लेषण के फलों की सही-सही व्याख्या की जा सकती है और तभी मिट्टी को अनुकूल बनानें के लिए निष्चित और सही रास्ता मिल सकता हैं। जिन प्राकृतिक खादों के द्वारा धरती अपनी उत्पादक शक्ति पुन प्राप्त करती है वे सदा पर्याप्त नहीं होती और उनकी पुर्ति कृत्रिम उव॑रकों से करनी पड़ती हैं। इसी प्रकार खाद्यान्नों की उपज भी बढ़ायी जाती है। सोडियम नाइट्रेट का प्रयोग नाइट्रो- जनीय खादों के रूप में किया जाता है। सोडियम नाइट्रेट दक्खिनी अमेरिका के पश्चिमी भाग में बहुतायत से मिलता है। अपरिष्क्ृत सोडियम नाइट्रेट के शोधन के लिए उसका केलासन (क्रिस्टलाइजेशन) करना पड़ता है। अमोनियम सल्फेट भी एक मूल्यवान नाइट्रोजनीय खाद है। यह पहले कोयले और शेल के आसवन (डिस्टि- लेन) पदार्थों से बनाया जाता था। वर्गेरा का यह अनुमान था कि दक्षिणी अमेरिकावाले सोडियम नाइट्रेट के क्षेत्र १९२३ तक समाप्त हो जायेंगे किन्तु यह अनुमान ठीक न था। ज्ञात क्षेत्रों के परीक्षण से यह मालूम हुआ है कि वे अभी अगले ५० वर्षों तक या उससे भी अधिक समय तक हमारी आवश्यकता पुरी करते रहेंगे। उस देश की सामान्य प्रकृति को देख कर यह सहज अनुमान किया जा सकता है कि उसमें इतने बड़े बड़े क्षेत्र हैं जो आगामी २०० वर्षों तक सारे संसार की मांग पुरी करते रहेंगे। लेकिन यह भी संभव है कि प्राकृतिक स्रोत शीघ्य ही समाप्त हो जायें क्योंकि इनसे प्राप्त सोडियम नाइट्रेट न केवल एक उवेरक के रूप में प्रयुक्त होता है वरन् पोटासियम नाइट्रेट नाइट्रिक अम्ल व पटाछुध72.
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