व्याख्यान रत्नमाला | Bakahayan Ratan Mala
श्रेणी : हिंदी / Hindi
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13.49 MB
कुल पष्ठ :
273
श्रेणी :
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खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas
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बलदेवप्रसाद मिश्र - Baladevprasad Mishr
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)व्याख्यान रलमाला भ्े व्या. वा. पं दीनद्याछुजी मददोदयका आध्यात्मिक उच्चति- पर व्याख्यान. तारीख़ १९ अगस्त सच १९०४ हं० शुक्रवार को पेंडितजी का फ्रामजी कावसजी दान्स्टिट्यूट में सर भाठचन्द्र कृष्ण भाववडेकर नाइट के सभापातिख में आध्यात्मिक उन्नाति पर एक अपूवे प्रभाव झाली आर मनोहर व्याखान हुआ जिसका सारांश हम नीचे देते हूँ. पण्डितजी ने कहा कि आज हमारे महामान्य सभापतिजी की आ ज्ञानुसार मे इस महती सभा में आध्यात्मिक उन्नति पर बोलने के लिये उद्यत इुआ हूँ परन्तु प्यारे सजनो मे एक बात पहिछे आपसे कह छोडता हूँ कि आध्यात्मिक विषय निरुपण करने का प्राचीन नियम यह नहीं है आत्मतत्व सुनने का पुराना तरीका कुछ और ही था प्राचीन समय में जब देवताओ के राजा इन्द्र और असुराधिप बिरोचन इन दोनो को अध्यात्म विद्या जानने की इच्छा हुई तब वे दोनो सामित्पाणि होकर हाथ में लकडियों का गढर लिये हुए ब्रह्माकें पास गये और उनसे अध्यास्मवियाका उपदेश करनेके लिये प्राथना की और ब्रह्माके सान्िघानमें कं वर्षोतक रहकर ब्रह्मविद्याका विधिवत अध्ययन किया प्यारे मित्रो उसीके मुकाबिठेमे मुझे आज घंटे डेढ बंटेके भीतर अध्यात्म विद्या और साथही उसकी उन्नातिके उपाय आपको सुनाने है ततिसमे भी आज के विषयक दो विभाग है एक आध्यात्मिक विद्या और दूसरी उसकी उन्नास । यदि केवल अध्यात्म तर ही कहे तो व्यार्यानकाः स्वरूप ऊुछ और हो जायगा और केवछ उन्नार्तके विषयमे वां तीभी व्याख्यानका दड्ड और प्रकारका होगा इसार्टये में चाहता हूँ कि दोनों पर थोडा थोडा बोरूँ सब्जनो विषय बडा गहन आर
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