भारत - विभाजन की कहानी | Bharat - Vibhajan Ki Kahani
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
एलन कैम्पबैल जान्सन - Alan campbell Johnsan,
यशपाल जैन - Yashpal Jain,
रनवीर सक्सेना - Ranveer Saxena
यशपाल जैन - Yashpal Jain,
रनवीर सक्सेना - Ranveer Saxena
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22.25 MB
कुल पष्ठ :
337
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
एलन कैम्पबैल जान्सन - Alan campbell Johnsan
No Information available about एलन कैम्पबैल जान्सन - Alan campbell Johnsan
यशपाल जैन - Yashpal Jain
No Information available about यशपाल जैन - Yashpal Jain
रनवीर सक्सेना - Ranveer Saxena
No Information available about रनवीर सक्सेना - Ranveer Saxena
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्ध भारत-विभाजन की कहानी स्वीकार करेंगे जब भारतीय-दल स्वत अपनी दार्तों के साथ उन्हें भारत आने का निमंत्रण दें । जो हो मि. एटली ने विस्तार के साथ समझाया कि यह आखिरी शर्तें मुनासिब नहीं है लेकिन इस सिद्धान्त को पूरी तरह स्वीकार किया कि अगर भारतीय दल एक संविधान और एक सरकार के रूप पर एकमत हो जायं तो समझौते के बावजूद वह किसी निश्चित तारीख अथवा उससे पहले भी ब्रिटिदय राज्य की समाप्ति कर देंगे । माउंटबेटन को राजी करने के लिए सरकार अधिक-से-अधिक सीमा तक बढ़ने को तैयार थी । सर स्टेफड क्रिप्स ने कहा कि भारतीय नेताओं और नये वाइसराय के बीच वह पहले से ही आवश्यक संपके की व्यवस्था कर देंगे और सरकारी घोषणा से पूर्व ही इस नियुक्ति के बारे में वह उनकी सहमति प्राप्त कर लेने की पूरी कोशिश करेंगे । क्रिप्स ने तो यहां तक कह डाला कि वह माउंटबेटन के साथ भारत भी जाने को तैयार हूं। इस सुझाव को दबा देना स्वाभाविक था क्योंकि भारतीय मामलों में क्रिप्स की स्थिति और अनुभवों से माउंटबेटन की स्थिति बिगड़ जाती और नये वाइसराय के लिए आवश्यक अधिकार या प्रतिष्ठा के साथ बातचीत करना प्रायः असंभव हो जाता । लंदन सोमवार १७ फरवरी १९४७ माउंटबेटन ने आग्रह किया कि उन्हें वाइसराय के सामान्य कर्मचारी- मंडल में वृद्धि करने की अनुमति दी जाय । उनका कहना था कि उनको पूर्व वाइसरायों को दिये जानेवाले चौथाई से भी कम समय में अभूतपूर्व राजनैतिक और संनिक महत्व के निणंय लेने का भार सौंपा गया है । लाडें वेवल के सामान्य सिविल सर्विस स्टाफ के छोग हालांकि बहुत प्रतिभाशाली और अनुभवी थे फिर भी उनसे बिना अन्य सहायता के काम पूरा कर ले जाने की उम्मीद करना असंभव था । मि. एटली ने तुरन्त वादा किया कि माउंटबेटन जिन कमेंचारियों की नियुक्ति चाहेंगे सरकार
User Reviews
No Reviews | Add Yours...