ज्वर विज्ञान | Jvar Vigyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28.69 MB
कुल पष्ठ :
442
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about माधव प्रसाद पाण्डेय - Madhav Prasad Pandey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उपरविज्ञान १. उत्तापोत्पत्ति और नियन्त्रण मनुष्य रारीर बड़े पुण्योंके फलसे प्राप्त होता है। परन्तु यह प्रत्येक मनुष्य श्रच्छी प्रकार जानता है कि मनुष्य योनि सिल जानेपर भी अगर शरीर निरोग न हो तो उसका जीवन निरथक हो जाता है । वद धर्म श्रथ काम और मोक्षमें किसी एक सिद्धिको भी प्राप्त करके शपना कल्याण नहीं कर सकता । शरोर को स्वस्थ बनाये रखने के लिये मनुष्य को सदा सचेत रहना एवं उसे स्वास्थ्यके सियमोंसे भला प्रकार परिचित होना चाहिये। १. मिथ्या श्ाहार-विहार २. ऋतु प्रकोप या. कीटारणुश्रोंका द्ाक्रतण हे. मानसिक आघात ४. ्रागस्तुक ( विद्युत श्ादि ) ५. असिशाप श्रादि कारणोंसे हो. शरोर के धघातुभ्रोंमें विषमता उत्पन्न होकर रोगोत्पत्ति होती है । संसार में श्रनेक रोग हैं श्र प्रतिदिन नये नये रोग उत्पन्न होते जा रहे हैं परन्तु प्राणीमात्र को दोनेवाले विकारोंमें ज्वर की प्रघानता है । कोई
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