भारतीय पुनर्जागरण और मदनमोहन मालवीय | Bhartiya Punarjagaran Aur Madan Mohan Malviya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शोध का प्रारूप दे १. भारतीय राष्ट्रीय पुनर्जायरण परिवर्तन एवं स्वाधीनता सम्राम की प्रति- निधि सस्था काग्रेस की स्थापना के दूसरे वर्ष महात्मा गाघी के शब्दों में अपनी युवावस्था से झाज तक उन ( मालवीयंजी ) की देशभक्ति का. प्रवाह अविच्छिन् है। मैं तो मालवीयजी महाराज का पुजारी हूँ उनके विचारों में ऐक्य है । देश के सार्वजनिक जीवन की उनकी अनेक थंडी देने हैं । उनका सबसे बडा कार्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालय है । इस विश्वविद्यालय से मुझे हादिक प्रेम है । कट्टर एवं पुराने विचार के होते हुए भी उनके विचार समाज के विपय मे बड़े ही उदारहूं 2 २. पं० जवाहरछाल नेहरू के दब्दों मे-- भारतीय राजनीति में मालवीयजी ही एकमात्र ऐसे अगुभ थे जिन्होंने न केवल राष्ट्रीय आन्दीलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अपितु काग्रेस के उदारवादी तथा उम्रवादी वर्ग को मिलाने की एक कड़ी के रूप में काप्रेस की जो भारतीय स्वाधीनता के प्रतीक के रूप में सर्वमान्य रही सेवा की 1 हे हॉँ० राजेन्ट्रप्रसाद के अनुसार-- जब-जब काग्रेस का अस्तित्व संकट में दड़ा मालवीयजी ने ही उनका मार्गदर्शन कियां । उनका काग्रेस से मतभेद होता था परन्तु उन्होंने कभी काग्रेस को छोड़ा नही । बहू नयी पुरानी पीढ़ी के लोगों के बीच सेतु की भाँति काम करते थे । ४. समाज सुधार धर्म राजनीति हिन्दू-मुस्लिम एकता अस्पृश्यता-निवारण आदि अन्यान्य क्षेत्रो के अतिरिक्त स्वाधीनता संग्राम की संस्था काप्रेस का एक्राधिक पीढियों तक उन्होंने नेतृत्व और पथ-प्रदर्शन किया था । ५. वही ऐसे नेता हैं जो पण्डित नेहरू के शब्दों में--अपनी लम्वी सार्वजनिक सेवा के कारण भारतीय राजनीति के वरिष्ठ सदस्य है तथा राजनीति में उनके बिचारों से सहमत न होने वाछे लोग भी उनका सम्मान और विश्वेप आदर करते थे 17 ६. शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अपने विचारों के अनुसार प्राचीन धर्म-दर्शन कला-साहित्य आदि की राष्ट्रीय शिक्षा के साथ ही आधुनिक ज्ञान-विज्ञान चिकित्सा- विज्ञान तकनीकी विज्ञान कृपि विज्ञान के अध्ययन-अध्यापन वाले काशों हिन्दू विश्वविद्यालय जैसी विज्ञाल संस्था का निर्माण किया था जिसका राष्ट्र निर्माण में अपना विशेष योगदान रहा हैं । अतः पुनर्जागरण और परिवर्तन के क्षेत्र में रोजगारपरक उनके शिक्षा-सम्वन्धी विचारों का आधुनिक व्यवहृत स्वरूप समाज में अपना बिंशेप महत्व रखता है । इस प्रकार सिक्षा समाज-सुधार और राष्ट्रीयता के शषष्र में मालवीयजी एक प्रगतिशील एवं आधुनिक विचारक है। इसके अतिरिक्त राजनीतिक सामाजिक व्यक्तित्व और कृतित्व की अनेक विद्येपताओं के




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