बेबी हैल्थ गाइड | Baby Health Guide
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.56 MB
कुल पष्ठ :
270
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न््य्य ७ ड ससकुरसाुााए कम गा दस है हर भारो का एक सुखद सपना 1... - शैशव की सार-संभाल गर्भकाल से ही लेडी हाडिंग भ्रस्पताल की प्रसुति विशेषज्ञ डा० एस. वोहरा हल निर्देशन में तंयार) शिशु की सार-संभाल पर लिखते समय हमें गर्भकाल से ही प्रारंभ करना होगा क्योंकि शिशु के स्वास्थ्य की बुनियाद यहीं से बनती हैं. जन्म के समय शिशु का वजन कद ठीक समय पर उसका जन्म जन्म के बाद उसकी रोगों से लड़ने की क्षमता उसके शारीरिक-मानसिक विकास का स्तर बहुत कुछ गर्भकाल में मां के पीपंण और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता है. खेद है कि हमारे देश में मा-शिशु के अच्छे स्वास्थ में गरीबी तो आड़े आती ही है उससे भी अधिक आड़े आती है बहुसंख्यक माताओं की इस बारे में अनभिज्ञता-- कि अपने प्राप्त साधनों में ही वे किस तरह अपनी व अपने शिशु की ठोक से देखभाल कर सकती हैं--कि पौष्टिक भोजन अर्य॑ महंगा भोजन ही नहीं होता उसे कम खर्चे में भी जुटाया जा सकता है यदि सहज प्राप्य खाद्य-पदार्यों में से ही उचित भोज्य-तत्त्वों का चुनाव किया जा सके- कि आसपास ग्रामीण-कॉंद्रों में कस्वाई व शहरी अस्पतालों में जो मा-शिशु के लिए स्वास्थ्य सेवाओ जिनमें पौष्टिक भोजन व ताकत की देवाओं का वितरण भी शामिल है से कंसे लाभे उठाया जाएं. या डाक्टरी निर्देश में रह कर कँसे अनेक बीमारियों व प्रस्नुति संबंधी जटिलताओं को टाता जा सकता है. भज्ञा- नता के साथ परंपरागत अंधविश्वासजनित खानपान की गलत आवेतें सफाई-स्वच्छता की आदतों कर अभाव और लापरवाही भी इसके पीछे है. अधिकाश माताएं ने तो व्यायाम-विशवाम को उचित सतुलन जानती हैं न स्वच्छता-सफाई के प्रति सावधान होती हैं न उचित भोजन लेती हैं न समय पर डावटरी सहायता प्राप्त करती हैं. फिर जब दु्परिणाम का सामना करना पडता है तो भाग्य को दोप देने लगती हैं. तब भी बीमारी था जटिलता का समय पर समाधान प्राय नहीं खोजा जाता. सभी अस्पतालों व मातु-केंद्रो के डावटरों की शिकायत है कि उनके पास वीमारी बढ़ाकर लाई जाती है जदक्ति समय पर उचित इलाज से ही अच्छे परिणाम की आशा की जा सकती है श्रम समय व परेशानी की बचत भी. अतः पहली जरूरत
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