यन्त्र मंत्र कल्प स्नाग्रह | Yantra Mantra Kalp Sangrah

Yantra Mantra Kalp Sangrah by चंदमल नागोरी - Chandmal Nagori

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ दर विश्वास सैठता है; ज्ञाखिये से भर्मि प्रकोप नहीं होता सो के पम्त्र से ब्याघि नए दोतो दे भर छठीसा जु्मारी को य' सडूबास को बहुत उपयोगी दोसा दे चोतीसे धस्त्र से चोर मय सिटता है । पक को सत्र टूरी हुई प्रीत का अमुर्सनान करता दे बहोत्तरिया घंत्र के प्रभाव स बंदीवास में सदा- थहा दोठो दे, घंत्र बिधि संदइित लिख खंठ में रख वे '्पौर किसी थूक्त के ऊपर जिया कर या को बुक पर बांध दिया जास तो टिटिया सहीं थे रत ओर नरुसान महदों होता बापस का यत्र पास में रख वाला मगढां छीत का आता दे 'चोसठ फ यम्त्र सं थोगनी का उपडूद सप्ट इोता दे अत लंड, ८ बुद्धि दीप्र दोही है इाजर अबाती याद दे इस हर्‌इ से तंग के तीन पछ् हुए हैं उलढ़ साएंश ख़िंत्बने का थद्द मतशब ईं कि घंघ भदिसा ढ बखमस पाचीन पत्रों में इस अक्ार किया सिसता है अस्तु




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