भारतीय दर्शन में भौतिकवाद | Bharatiya Darshan Men Bhaotikwad

Book Image : भारतीय दर्शन में भौतिकवाद  - Bharatiya Darshan Men Bhaotikwad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतीय दर्शन के स्त्रोत ( क ) भारतीय सभ्यता का स्तरीय अध्ययन व (1) (2) (3) (4) (5) लगभग लाख वर्षई.पू. से 2 लाख वर्ष ई.पू./ द्वितीय अन्तर-हिमयुग/ पुरा पापाण युग, स्थान--उत्तर में सोअन घाटी (अब पाकिस्तान में ) और दक्षिण में मद्रास के आसपास के इलाकों में, मानव--खानाबदोश (खाद्यसंग्रहक), उपकरण--राह में मिले खुरदरे पत्थरों का इस्तेमाल ! 2 लाख वर्ष ई.पू. से 40,000 वर्ष ई.पू. आग पर नियंत्रण, कुत्तों को पालना तथा पशु चर्म, पेड़ों की छाल और उनके पत्तों के उपयोग से शरीर रक्षा, पत्थर के उपकरण बनाना। 10,000 साल ई.पू. से 6000 साल ई.पू., अन्न उपजाना, पशुपालन, बर्तन बनाना, कपड़ा बुनना, पॉलिशदार पत्थर के उपकरणों का निर्माण। 3,500 ई.पू. नव प्रस्तरयुग का मानव समुदाय, भारत का उत्तर- पश्चिम क्षेत्र, दक्षिण का कुछ हिस्सा, मध्य और दक्षिणी बलूचिस्तान तथा सिन्ध (दोनों क्षेत्र पाकिस्तान में) । आमरी सभ्यता- उसके विकास के बाद सिन्धुघाटी सभ्यता अथवा हड़प्पा-सभ्यता : विविध नस्लों के आवागमन और उनके सम्मिश्रण से आदिम भारतीय का आधुनिक संस्करण-प्रोटो-आस्ट्रेलाइड, पैलियो-मेडिटेनियन, काकेशसाइड और मंगोलियन! वैदिक या आर्यसंस्कृति-- 1500 ई.पू. और उसके बाद से (वर्गीय समाज के अन्तर्गत वर्ण-व्यवस्था का उदय) तथा साथ-साथ ..... जैन-बौद्ध धर्म और चिंतन 'जनपदीय राज्य तंत्र विदेशी आक्रमण--मध्यकालीन भारत आधुनिक युग--उपनिवेशवादी शोपण, स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत । . विशेष-- (क) जातियाताओं का संकरण--आर्य, फारसी, यूनानी, हूण, अरब, तुर्क, अफ्रीकी, मंगोली, यूरोपीय (ख) भाषाएं--लगभग 325 (ग) लिपियां--25 (घ) भाषा परिवार-इंडोआर्यन, तिव्यती-बर्मी, भारोपीय, द्रविड़, आस्ट्रेशियाई, अंडमानी, इंडोईरानी भारतीय दर्शन में भीतिकवाद फ्र




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