प्रतिमा - विज्ञान | Indian Vigyan

Indian Vigyan by डॉ. द्विजेन्द्रनाथ शुक्ल - Dr. Dvijendranath Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(१४५ प्र्घ ६, विशिष्ट-मूर्लियां रृ७० 'झ--पौराणिक ज २ गगाघरपमूर्ति का २ थर्थनारीरवर क्र दे, कल्याशसुन्द्र मूर्ति चर ४. हर्यध मूर्ति या हरिहर मूर्ति ५. सपभ-वाहन-मूर्ति ६. विपापहर्ण ७, हर-गोरी-उमामहे्र ८. जिज्ञ दूमव ६. चन्द्रशेखर--उमासदित तथा श्रालिज्ञन मूर्तिया १०. पशुपति-मूर्ति, रौद्-पशुभरति-मूर्ति ११. सुखसन-मूर्ति--केवल, उमासदित एवं सोमारकन्द ब--दाशेनिक र७२ श्पराजित के द्वादशक्ला सम्दूणण-सदाशिव एवं श्रागमों के सदा शिव एवं मददासदाशिय--दार्शनिक समीक्षा, वियेश्वर-मूर्तिया एवं श्रष्ट-मूर्तिया एकादशरूप २७३ ७४. लिज्ल-मूतियां जा लिज्न्लक्षण - रुमणज्ञणीय, मानसारीय प्रभेद, लिड्न-प्रमाण, लिड् माग, लिड्ठ पीठ ; चल लिड्ल-- र3५-२७६ (0 सर्मय, (10 लोइन, (एप) रतज, (ए) दादज, (एफ शैलज, (एप) चखिक लिऑ्ञाचा-फल रण, अचल लिड्न--विमिन्न वर्गीकरण ही १. स्वावम्भुव--६६ लिंग २७६-२७७ २. देविक लिड् ति ३-४, गाणप एवं श्राप का ५. सानुप--उनके प्रभेद--सावंदेशिकादि २७७-रेज्घ पीठ-परमेद एवं विच्छित्तिया रण्द गाणुपस्य-मतिमा-लक्तुण--समराज्ञण का मौन झ-गणपति गणेश फ विष्नरानादि १०प्रतिमाये (वृन्दावन); वालयरापति श्रादि १ददरूप (राव), स्थापत्य निद्शन रदण्दरे ख--पेनापति--कार्तिस्य र्घ्र बार्तिरेय के पौराशिक १० रूप तया श्रागमिक र२ रूप गदर सौर-मतिमा-ज्ाय-दादरा श्रादिस्यों दी सलाब्यना वालिस, सौर-प्रतिमा- लदय एवं वासुदेव दूरंदेव का साम्य, सौर प्रतिमा की दो रूपोद्ध-बना ें गो दि एवं स्यापत्थ-निदर्शन रघर-रदण,




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