यह धन किसका है | Yah Dhan Kiska Hai
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.96 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यह घन किसका है ? १७
लोगों को समझाने के लिए हमारे ऋषियों ने ईरवर के तीन रूप
निदिचत कर रवखे हैं । इनकी तीन पत्नियाँ भी निश्चित कर रखी हैं ।
यह सब समभाने के लिए हैं--निरी कहानी ; वास्तविकता नहीं । वास्तव
में तो ईद्वर एक है। उसका कोई रूप नहीं ; उसकी कोई पत्नी नहीं है
परन्तु सामान्य जनों को समभाने के लिए जो कहानी बनाई गई है
उसके श्रनुसार ईश्वर के तीन रूप हैं--घ्रह्मा, विष्णु, भ्रौर महेश । ब्रह्मा
की पत्नी का नाम महासरस्वती, विष्णु की पत्नी का नाम महालक्ष्म
श्र महेश या महादेव की पत्नी का नाम है सहाकाली । विष्णु व
नारायण भी कहते हैं । लक्ष्मी श्र नारायण सदा संग-संग रहते हैं
नारायण भगवान् ईश्वर होने पर भी लक्ष्मी के बिता कभी नहीं रहते
इनकी पूजा करनेवाले दोनों को लक्ष्मी-नारायण कहकर दोनों की एर
साथ पूजा करते हैं । कुछ लोग कहेंगे, “क्यों जी ! यदि भगवान् विए
नारायण श्रौर ईदवर होकर भी लक्ष्मी के बिना नहीं रह सकते तो ५
हम लक्ष्मी के पीछे क्यों न शागें ? हम घन-वैभव-सम्पत्ति का सं
वयों न करें ?'
परन्तु कया झाप जानते हैं कि भगवान् विष्णु महालक्ष्मी के स
किस प्रकार रहते हैं? भगवान् लेटे रहते हैं; महालक्ष्मी उनके ५
देबाती रहती है, उनकी दासी, उनकी सेविका बनकर । घ्रौर हम ?
लक्ष्मी के पाँव दवाते रहते हैं इसके दास श्र सेवक चनकरा। धर
लिए हम प्रत्येक काम करने को तैयार रहते हैं--सचाई को छोड़ना '
भूठ को अपनाना पड़े, धर्म को छोड़ना पड़े, पाप की राहे पर चलना
देश के साथ द्रोह करना पढ़े, भाई को भाई से लड़ाना पड़े, देश में
जगानी पड़े, कुछ भी करना पड़े, धन-वैभव के लिए हम कुछ भी £
को तैयार हैं । पैसा मिलना चाहिये, चाहे वह किसी विधि से. भी
न मिले । जो कोई घन दे, उसकी इच्छा के अनुसार :हम प्रत्येक
करने को तैयार हूँ । घनवाला कोई भी हो, हम उसके हाथ बिकर
तैयार हैं। झाज देखिये इस देश की दशा ! कुछ लोग हैं जो ची
पास चिके हुए हैं: कुछ दूसरे हैं जो अमेरिका के पास बिके हुए है
इन्हें ठीकरियाँ देते हैं-सोने श्रौर चाँदी की ठीकरियाँ । ठीकरिः
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